पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने जीएसटी विभाग को बकाये कर का भुगतान किस्तों में करने संबंधी सस्ती विमानन सेवा स्पाइसजेट की याचिका पर गौर करने और एक आदेश जारी करने का निर्देश दिया है।
जीएसटी अधिकारियों ने जुलाई के अंत में इस विमानन कंपनी को एक नोटिस जारी किया था जिसमें 80.6 करोड़ की कर देनदारियों का भुगतान करने और सभी चल एवं अचल संपत्तियों का विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। नोटिस में चेतावनी दी गई थी कि यदि भुगतान नहीं किया गया तो वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। स्पाइसजेट ने अपनी याचिका में कर देनदारी को लेकर कोई विवाद खड़ा नहीं किया है। हालांकि कंपनी ने वसूली के लिए कोई भी प्रक्रिया शुरू करने का विरोध करते हुए कर अधिकारियों को एकमुश्त भुगतान के बजाय 24 किस्तों में भुगतान करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘दोनों पक्षों की ओर से मौजूद विद्वान अधिवक्ताओं को सुनने के बाद हमने पाया कि याची के वरिष्ठï वकील का अनुरोध उचित है। इसलिए हम इस रिट याचिका का निपटान करते हुए हरियाणा के राज्य कर उत्पाद शुल्क एवं कराधान आयुक्त को इस आदेश की प्रति प्राप्त होने के दो सप्ताह के भीतर एक आदेश जारी कर प्रतिनिधित्व का निर्णय लेने का निर्देश देते हैं।’
हरियाणा के उत्पाद शुल्क एवं कराधान विभाग ने 27 जुलाई को इस विमानन कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उसमें कहा गया था कि कंपनी ने 80.6 करोड़ रुपये के कर का भुगतान नहीं किया है जिसमें वित्त वर्ष 2020, वित्त वर्ष 2021 और वित्त वर्ष 2022 (अप्रैल से जून) की अवधि शामिल है। विभाग ने कहा था कि यदि बकाये का भुगतान 4 अगस्त तक नहीं किया गया तो वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। स्पाइसजेट ने कहा कि कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव के कारण विमानन कंपनी भारी नकदी संकट से जूझ रही है और इसलिए उसे बकाये का भुगतान 24 बराबर मासिक किस्तों में करने की अनुमति दी जाए।