दिग्गज विमानन कंपनी जेट एयरवेज ने दिल्ली की सस्ते किराये वाली एयरलाइन स्पाइसजेट में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने का अपना इरादा बदल दिया है।
बातचीत बीच में ही खत्म करने के जेट एयरवेज के इस कदम के पीछे सबसे बड़ी वजह स्पाइसजेट की कीमत के मसले पर मुख्य शेयरधारकों से हुआ मतभेद बताई जा रही है।
जेट एयरवेज में सूत्रों के मुताबिक स्पाइसजेट की बाजार पूंजी तकरीबन 750 करोड़ रुपये है, लेकिन बड़े शेयरधारक इसकी कीमत 1,200 से 1,320 करोड़ रुपये लगा रहे थे। वे इससे कम कीमत पर राजी ही नहीं थे। इसलिए जेट ने उन्हें नमस्ते कह दिया।
कंपनी के एक सूत्र ने बताया, ‘बाजार के मौजूदा हालात को देखते हुए इस सौदे के लिए आगे बढ़ना मुमकिन ही नहीं था।’ स्पाइसजेट एयर डेक्कन के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी सस्ती विमानन कंपनी है। भारतीय विमानन बाजार में इसका तकरीबन 10 फीसद हिस्सा है। हालांकि इस बारे में स्पाइसजेट के मुख्य कार्यकारी सिद्धांत शर्मा का कुछ और ही कहना है। उन्होंने कहा, ‘हम फिलहाल किसी के साथ बातचीत नहीं करर रहे हैं और किसी तरह का सौदा नहीं हो रहा है।’
लेकिन कंपनी के एक शेयरधारक ने स्वीकार किया कि बातचीत चल रही है। उसने कहा, ‘जेट एयरवेज और किंगफिशर एयरलाइंस के साथ बात चल रही है। लेकिन कीमत तय करने के मसले पर मामला अटका हुआ है। इसके अलावा यह भी तय नहीं हुआ है कि आगे कारोबार कैसे चलाया जाएगा।’ जेट के मुख्य कार्यकारी वॉल्फगांग प्रॉक श्रॉएर से इस बारे में संपर्क नहीं हो सका और बिजनेस स्टैंडर्ड के संदेश का उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।