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स्पाइसजेट के विस्तार को चाहिए 400 करोड़ रुपये

Last Updated- December 06, 2022 | 11:42 PM IST

विमानन कंपनी स्पाइसजेट इस साल के अंत तक अपनी उड़ानों की विस्तार योजना के लिए 400 करोड़ रुपये उगाहने की योजना बना रही हैं।


सस्ती दर पर यात्रा कराने वाली दिल्ली की इस विमानन कंपनी के मुख्य कार्यकारी सिध्दांत शर्मा ने स्पाइसजेट की योजना का खुलासा किया। गौरतलब है कि शर्मा ने यह बात स्पाइसजेट के ब्रिटेन के प्रमोटर-निदेशक की एयरलाइन में अपनी 12.91 प्रतिशत हिस्सेदारी सही कीमत के मिलने पर बेचने की बता के ठीक एक दिन बिजनेस स्टैंडर्ड को बताई है।


फिलहाल एयरलाइन ने फंड उगाहने के लिए किसी भी जरिये पर अभी फैसला नहीं लिया है। शर्मा का कहना है, ‘हम इक्विटी और ऋण को 20:80 के अनुपात में फंड इकट्ठा कर सकते हैं या सीधे-सीधे एयरलाइन में इक्विटी बढ़ा सकते हैं।’


एयरलाइन इस सौदे के लिए जल्द ही एक मर्चेंट बैंकर को नियुक्त करेगा। शर्मा ने इस विस्तार योजना के लिए पैसे निजी इक्विटी निवेशकों या फिर ऋण के जरिये या फिर मौजूदा शेयरधारकों की ओर से इक्विटी को कम करने से आएंगे, इस बारे में टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘अभी फिलहाल इस बारे में बात करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि हमें पैसों की जरूरत अक्तूबर के बाद ही होगी।’


एयरलाइन इससे पहले भी कई बार फंड लेने पर विचार कर चुकी है, लेकिन सौदे के सही रूप न लेने की वजह से एयरलाइन को सफलता नहीं मिली। निजी इक्विटी निवेशक कंपनियां जैसे कि टेक्सास पैसिफिक ग्रुप ने नियम-शर्तों का पत्र कंपनी को पहले सौंपा था, लेकिन अभी तक उसने प्रस्ताव नहीं दिया।


उद्योग जगत की मौजूदा स्थिति को देखते हुए निवेशक बैंकरों के अनुसार सभी एयरलाइनें 300 करोड़ रुपये से 400 करोड़ रुपये तक फंड इकट्ठा करने पर विचार कर रही है, लेकिन यहां निवेशकों की कोई खास दिलचस्पी दिखाई नहीं दे रही। एयरलाइन ने पहले ही अमेरिकी एक्सिम बैंक की फंड सेवा को ठुकरा दिया है, जो बोइंग एयरक्राफ्ट के सौदे को फंड मुहैया करवा रहा था और जो एयर इंडिया और जेट एयरवेज के एयरक्राफ्ट अधिग्रहणों के लिए मुख्यतौर पर वित्तीय सहायता मुहैया करा रहा है।


स्पाइसजेट को कंपनी के 10 एयरक्राफ्टों के ऑर्डर जिनका वितरण 2011 से शुरू किया जाएगा और 2013 तक यह काम चलेगा, के लिए पेशगी के रूप में फंड की जरूरत है। फिलहाल स्पाइसजेट के बाद 19 एयरक्राफ्ट हैं। शर्मा ने हाल ही में जेट एयरवेज से विमानन कंपनी की किसी भी बैठक से भी इंकार कर दिया। किसी और एयरलाइन के द्वारा अधिग्रहण की संभावनाओं पर भी चुटकी लेते हुए कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि उद्योग में किसी के भी पास आज इतने पैसे हैं कि वे इस बारे में सोच सकें।’     

First Published - May 15, 2008 | 12:55 AM IST

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