देश के प्रौद्योगिकी क्षेत्र ने साल 2024 में निवेशकों से अब तक 11.3 अरब डॉलर की रकम जुटाई है। इसमें पिछले वर्ष जुटाई गए 10.7 अरब डॉलर की तुलना में छह प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई है जो रकम जुटाने की कवायद के रुझान में दो साल की नरमी के बाद सुधार का संकेत है। अलबत्ता पिछले वर्षों के दौरान फंडिंग के अधिक स्तर की तुलना में सौदों की गतिविधि का मूल्य साल 2022 और 2021 की तुलना में क्रमश: 55.5 प्रतिशत और 69.6 प्रतिशत घटा है। बाजार पर नजर रखने वाले प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन के आंकड़ों से पता चलता है कि देश के स्टार्टअप से जुड़े तंत्र ने साल 2021 में 37.2 अरब डॉलर और साल 2022 में 25.4 अरब डॉलर की रकम जुटाई।
रकम जुटाने की कवायद के दौर की संख्या साल 2023 के 2,114 की तुलना में साल 2024 में घटकर 1,448 रह गई। यह साल 2021 में नजर आए पांच साल के शीर्ष स्तर 3,311 के मुकाबले बहुत कम रही। क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म जेप्टो ने इस साल रकम जुटाने के बड़े दौर किए और कुल 1.35 अरब डॉलर जुटाए। मुरुगप्पा समूह की टीआई क्लीन मोबिलिटी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट ने क्रमश: 35.9 करोड़ डॉलर और 35 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई, जो इस साल रकम जुटाने के प्रमुख दौर में से एक रहा।
साल 2024 में निवेशकों ने रकम जुटाने वाले बाद के दौरों में 7.1 अरब डॉलर का निवेश किया। इसके बाद शुरुआती दौर में 3.2 अरब डॉलर और सीड राउंड में 97.1 करोड़ डॉलर का निवेश किया गया।
साल 2024 के दौरान अधिग्रहणों की संख्या 19.3 प्रतिशत घटकर 113 रह गई जबकि साल 2023 में यह संख्या 140 थी। हालांकि शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने वाली कंपनियों की संख्या इस साल बढ़कर 37 हो गई। यह कम से कम पांच साल के दौरान सर्वाधिक संख्या है जबकि साल 2023 में ऐसी कंपनियों की संख्या 21 थी।
इस साल प्रौद्योगिकी से जुड़े तंत्र में कुल छह यूनिकॉर्न कंपनियां बनीं जबकि साल 2023 में यह संख्या केवल 2 थी। क्विक कॉमर्स श्रेणी, गिग अर्थव्यवस्था, खुदरा और उद्यम क्षेत्र का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा।