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बड़े सौदों से उद्यम पूंजी क्षेत्र को मिल रहा नया आकार, भारतीय स्टार्टअप के लिए दमदार भविष्य का संकेत

Zepto की 66.5 करोड़ डॉलर और मीशो की 30 करोड़ डॉलर की रकम जुटाने की कवायद जैसे बड़े सौदे भारतीय स्टार्टअप तंत्र के लिए दमदार भविष्य का संकेत देती है।

Last Updated- August 18, 2024 | 9:55 PM IST
अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार में तेजी, फिर भी स्टार्टअप्स से क्यों रुठे निवेशक?, Investors, once eager to pump in billions in Indian startups, losing steam

देश के उद्यम पूंजी परिदृश्य में कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली छमाही के दौरान एक रणनीतिक बदलाव नजर आया है और बड़े आकार के निवेशों में खासा इजाफा हुआ है। डेटा विश्लेषक और सलाहकार कंपनी ग्लोबलडेटा के अनुसार फंडिंग के घोषित मूल्य में 45.3 प्रतिशत की वृद्धि से यह दिखता है। सौदों के आकार में 2.1 प्रतिशत की गिरावट के बावजूद यह वृद्धि हुई है।

यह प्रवृत्ति अधिक संभावना वाले स्टार्टअप में निवेशकों के बढ़ते विश्वास की ओर इशारा करती है। जेप्टो की 66.5 करोड़ डॉलर और मीशो की 30 करोड़ डॉलर की रकम जुटाने की कवायद जैसे बड़े सौदे भारतीय स्टार्टअप तंत्र के लिए दमदार भविष्य का संकेत देती है।

एक विश्लेषण के अनुसार कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली छमाही के दौरान देश में 5.6 अरब डॉलर मूल्य के 572 उद्यम पूंजी सौदों का ऐलान किया गया जबकि कैलेंडर वर्ष 2023 की पहली छमाही में कुल 3.8 अरब डॉलर मूल्य के 584 उद्यम पूंजी सौदे किए गए।

देश में निवेशकों का बढ़ता भरोसा वैश्विक उद्यम पूंजी फंडिंग में इसकी हिस्सेदारी में भी दिखता है। कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली छमाही के दौरान वैश्विक उद्यम पूंजी फंडिंग के मूल्य में भारत की हिस्सेदारी 4.4 प्रतिशत रही जो पिछले साल की इसी अवधि के 3.1 प्रतिशत के मुकाबले ज्यादा रही। मात्रा के लिहाज से भारत में सौदों की हिस्सेदारी पिछले साल के 5.1 प्रतिशत की तुलना में कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली छमाही में बढ़कर सात प्रतिशत हो गई।

ग्लोबलडेटा में प्रमुख विश्लेषक अरज्योति बोस का कहना है, ‘सौदों की मात्रा में गिरावट के बावजूद उद्यम पूंजी की फंडिंग में बड़ी उछाल संकेत देती है कि सतर्क दृष्टिकोण अपनाते हुए बड़े निवेश के लिए बेहतर मांग निकल रही है। उद्यम पूंजी सौदों का औसत आकार कैलेंडर वर्ष 2023 की पहली छमाही के 65 लाख डॉलर की तुलना में बढ़कर कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली छमाही में 97 लाख डॉलर होने से यह बात और स्पष्ट हो जाती है।’

इसके अलावा 10 करोड़ डॉलर से अधिक मूल्य वाले कुल सौदों की सुख्या कैलेंडर वर्ष 2023 की पहली छमाही के सात के मुकाबले कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली छमाही में बढ़कर आठ हो गई।

जो बात इन आंकड़ों को और ज्यादा दमदार बनाती है, वह यह है कि कैलेंडर वर्ष 2023 की पहली छमाही के दौरान भारत में उद्यम पूंजी फंडिंग चुनौतीपूर्ण अवधि से गुजरी है। जनवरी से जुलाई 2023 तक देश में फंडिंग की गतिविधि में खासी गिरावट देखी गई और उद्यम पूंजी सौदों की मात्रा में 42.9 प्रतिशत की गिरावट आई तथा कैलेंडर वर्ष 2022 की इसी अवधि के मुकाबले फंडिंग के मूल्य में 72.5 प्रतिशत तक की गिरावट आई।

First Published - August 18, 2024 | 9:55 PM IST

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