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छोटे कारोबारियों पर कसा फौलादी शिकंजा

Last Updated- December 07, 2022 | 8:00 AM IST

स्टील की बढ़ी हुई कीमतों का असर उन सभी उत्पादों की कीमतों पर पड़ रहा है, जिसमें इसका उपयोग होता है।


इसका सबसे ज्यादा नुकसान असंगठित क्षेत्र के स्टील उत्पाद निर्माताओं को उठाना पड़ रहा है। दरअसल, लागत बढ़ जाने से अलमीरा, एयर कूलर, रैक, ग्रिल आदि निर्माताओं ने अपने उत्पादों के दाम बढ़ा दिए हैं। इसकी वजह से लोगों ने इन चीजों की खरीदारी कम कर दी है।

उत्पादकों का कहना है कि अगर मांग में इसी तरह कमी चलती रही, तो हमें व्यापार बदलने को मजबूर होना पड़ेगा। पिछले 7 सालों से इस कारोबार से जुड़े सिराज का कहना है कि महंगाई की वजह से इन उत्पादों की मांग घट गई है। इसका छोटे कारोबारियों के मार्जिन पर पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि पहले हमारा मुनाफा 10,000 रुपये प्रतिमाह था, जो घटकर 6,000 रुपये रह गया है।

लखनऊ में करीब 206 छोटी इकाइयां हैं, जिनमें 5000 लोग काम करते हैं। इन इकाइयों में ट्रंक, अलमीरा, कूलर, रैक आदि बनाने का काम होता है। लेकिन मांग घटने से रोजगार पर भी असर पड़ने की आशंका बनी हुई है। सिराज ने बताया कि इस मौसम में सबसे ज्यादा मांग कूलर बॉडी की रहती है, लेकिन दाम बढ़ने की वजह से इसके खरीदार कम हो गए हैं।

फैजाबाद रोड पर स्टील शॉप चलाने वाले साजिद का कहना है कि घटते मुनाफे को देखते हुए हम कारोबार को बदलने की सोच रहे हैं, क्योंकि इससे परिवार का गुजारा तक मुश्किल से हो पा रहा है। उसने बताया कि पिछले 6 महीनों के दौरान स्टील की कीमतों में 33 फीसदी का इजाफा हुआ है। स्टील शीट, जो पहले 40-45 रुपये प्रति किलो मिलती थी, वह 60-65 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है।

स्टील रॉड, शीट और पाइप के थोक विक्रेता संजय अग्रवाल का कहना है कि दाम बढ़ने के बावजूद बड़े खरीदारों  में कोई कमी नहीं आई है, लेकिन छोटे कारोबारियों को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है।

विश्व स्टील शॉप के मालिक रमेश का कहना है कि स्टील के दाम बढ़ने की वजह से हमें मजबूरी में अपने उत्पादों के दाम बढ़ाने पड़े, लेकिन उपभोक्ता हमसे दूर हो रहे हैं। हालांकि ब्रांडेड हाउस होल्ड उत्पादकों का कहना है कि कीमत बढ़ने की वजह से मांग पर कोई असर नहीं पड़ा है।

First Published - June 27, 2008 | 12:52 AM IST

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