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टाटा मोटर्स की कॉरपोरेट साख में गिरावट

Last Updated- December 10, 2022 | 4:20 PM IST

जगुआर-लैंड रोवर को खरीदकर टाटा मोटर्स सुर्खियों में जरूर आ गई, लेकिन अब यह सौदा उसके लिए कुछ महंगा लग रहा है।


इस अधिग्रहण के लिए वित्त जुटाने की कोशिश कर रही कंपनी की कॉरपोरेट क्रेडिट रेटिंग ही कम हो गई है।वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड ऐंड पूअर्स (एसऐंडपी) ने कंपनी की रेटिंग को बीबी प्लस से घटाकर बीबी कर दिया है। कंपनी के सारे कर्जों की रेटिंग भी उसने घटा दी है। इसका सीधा मतलब कंपनी की कॉरपोरेट साख में फिलहाल गिरावट आना है।


टाटा मोटर्स जगुआर लैंड रोवर सौदे को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही तक निपटा पाएगी। इसके लिए उसे तकरीबन 9,200 करोड़ रुपये का नकद भुगतान करना पड़ेगा। एसऐंडपी के मुताबिक इसी का खामियाजा कंपनी को रेटिंग गंवाकर भुगतना पड़ा है।एजेंसी के क्रेडिट विश्लेषक अंशुकांत तनेजा ने कहा, ‘इसका मतलब कंपनी के लिए घरेलू यात्री और वाणिज्यिक वाहन क्षेत्र में कड़ी चुनौती भी है। जगुआर-लैंडरोवर के मुख्य बाजारों में भी कंपनी को मशक्कत करनी पड़ेगी।’


कंपनी इस अधिग्रहण के लिए लगभग 4,000 करोड़ रुपये की इक्विटी के जरिये रकम जुटाना चाहती है। कंपनी को हालांकि टाटा समूह से अच्छा खासा सहयोग मिल रहा है, लेकिन एसऐंडपी के मुताबिक इक्विटी के ये मामले सफल होने पर ही साख बढ़ाते हैं।हालांकि जगुआर-लैंड रोवर मुनाफे की राह पर लौट आई हैं, लेकिन ऐसा जारी रहेगा, इसमें संदेह है। बढ़ती लागत के कारण इनके खरीदारों में कमी आ सकती है।

First Published - April 5, 2008 | 1:06 AM IST

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