टाटा पावर कंपनी ने भूटान सरकार की 114 मेगावाट हाइड्रो इलेक्ट्रिक बिजली परियोजना में 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। भूटान में यह परियोजना दागछू नदी पर ड्रक ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के जरिये बनाई जा रही है।
विशेष कंपनी का गठन
हाइड्रो इलेक्ट्रिक बिजली परियोजना के लिए एक विशेष कंपनी दागछू हाइड्रो पावर कॉर्पोरेशन बनाई गई है। यह कंपनी परियोजना का पूरा कार्यभार संभालेगी। बिजली क्षेत्र में इस नई साझेदारी के साथ कंपनी को काफी फायदा होने वाला है। टाटा पावर के प्रबंध निदेशक प्रसाद आर मेनन का कहना है, ‘इस साझेदारी में इक्विटी साझेदारी के साथ-साथ बिजली में कंपनी और टाटा पावर ट्रेडिंग कंपनी दोनों का हक शामिल है।’
किसे क्या मिला
कंपनी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार टाटा पावर ने इस परियोजना में 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है, जबकि टाटा पावर ट्रेडिंग इस परियोजना में उत्पादन की जाने वाली पूरी बिजली को खरीदने के लिए बातचीत कर रही है।
परियोजना का उद्देश्य
टाटा पावर ट्रेडिंग इस परियोजना से 25 वर्षों के लिए बिजली लेगी और यहां से ली गई बिजली भारत-भूटान सीमा को दी जाएगी। संयंत्र से यह बिजली ताला ट्रांसमिशन लिंक के जरिये भारत के पूर्वी ग्रिड में ले जाई जाएगी।
1,200 किलोमीटर लंबी ताला ट्रांसमिशन परियोजना भूटान में 1,020 मेगावाट वाले ताला-इलेक्ट्रिक पावर में से बिजली को राष्ट्रीय ग्रिड में ले जाती है। यह परियोजना टाटा पावर और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया का साझा उपक्रम है।