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चीन के दूरसंचार वेंडरों को इजाजत नहीं, भारतीय बाजार से रहना होगा दूर

Last Updated- May 31, 2023 | 10:51 PM IST
Supreme Court on Telecom Industries

हुआवे (Huawei) और जेडटीई ( ZTE) जैसी चीन की दूरसंचार उपकरण विनिर्माताओं को भरोसेमंद स्रोत का प्रमाणपत्र देने की सरकार की कोई योजना नहीं है। इसलिए इन कंपनियों को फिलहाल भारतीय बाजार से दूर ही रहना होगा।

अ​धिकारियों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि हाल में विचार-विमर्श के लिए यह मुद्दा सामने आया था, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताओं के मद्देनजर इन कंपनियों को अभी दूर ही रखने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि दूरसंचार सेवा देने वाली दो कंपनियों ने हाल में सरकार से इस मुद्दे पर विचार करने का अनौपचारिक आग्रह किया था ताकि दूरसंचार उपकरण की कुछ श्रेणियों में चीन से आयात किया जा सके।

कंपनियों ने लागत बढ़ने की बात तब कही है, जब भारत में 4जी और 5जी नेटवर्कों का विस्तार हो रहा है। भरोसेमंद स्रोत का तमगा हासिल किए बिना चीन की कंपनियां भारतीय बाजार में नेटवर्क उपकरण नहीं भेज सकतीं। उनके बनाए उत्पादों को भी भरोसेमंद उत्पाद की मंजूरी नहीं दी गई है।

भारत ने चीन के कई ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन इन कंपनियों पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई गई है। आवश्यक मंजूरियों के बिना भारतीय बाजार में सीमेंस, सिस्को और सैमसंग जैसी कंपनियों से मुकाबला करना उनके लिए आसान नहीं होगा।

दूरसंचार विभाग के एक वरिष्ठ अ​धिकारी ने कहा, ‘दूरसंचार क्षेत्र काफी संवेदनशील है और देश में 5जी चालू किए जाने के कारण यह अहम दौर से गुजर रहा है। व्यापक आर्थिक एवं औद्योगिक बदलाव को रफ्तार देने वाले उपकरण न केवल तकनीकी तौर पर पूरी तरह सुरक्षित होने चाहिए ब​ल्कि उनकी आपूर्ति भी भरोसेमंद स्रोत से होनी चाहिए। इस मुद्दे पर करीबी नजर रखी जा रही है लेकिन नीतिगत रुख में फिलहाल कोई बदलाव नहीं हुआ है।’

उद्योग के आंतरिक सूत्रों ने कहा कि दूरसंचार सेवा प्रदाता उपकरणों की अपनी जरूरतें चीन से इतर देशों की कंपनियों से कर रहे हैं। उदाहरण के तौर पर रिलायंस जियो और भारती एयरटेल अपनी 5जी सेवाओं के लिए फिनलैंड की कंपनी नोकिया और एरिक्सन से रेडियो ऐक्सेस नेटवर्क (आरएएन) उपकरण खरीद रही हैं।

अप्रैल के आरंभ में खबरें आई थीं कि वोडाफोन आइडिया ने कुछ सर्कल में अपने 4जी नेटवर्क के विस्तार के लिए जेडटीई को ऑर्डर दिए हैं। मगर कंपनी ने आ​धिकारिक तौर पर उसकी पु​ष्टि नहीं की है। वोडाफोन आइडिया ने इस बाबत जानकारी के लिए भेजे गए ईमेल का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं दिया।

अ​धिकारियों ने बताया कि दूरसंचार सेवा देने वाली निजी क्षेत्र की तीनों कंपनियों में से किसी ने भी अब तक उपकरण किसी अनधिकृत कंपनी से नहीं लिए हैं।

सरकार मानती है कि हुआवे और जेडटीई जैसी कंपनियां चीन के कानून के अधीन काम करती हैं, इसलिए चीन की सुरक्षा एजेंसियां उन पर सूचनाएं लीक करने का दबाव बना सकती हैं। हालांकि ये कंपनियां इससे इनकार करती हैं।

अ​धिकारियों ने बताया कि हार्डवेयर बनाने वाली चीन की कंपनियों पर दुनिया भर में प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं।

First Published - May 31, 2023 | 10:51 PM IST

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