नैशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर ऐंड सर्विसेज कंपनीज (नैसकॉम) ने कहा है कि भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग की 2007-08 की 28 फीसदी की वृद्धि के मुकाबले इस वित्त वर्ष वृध्दि दर में 3-4 फीसदी की कमी होने की संभावना है।
यह अनुमानित गिरावट अमेरिका में आर्थिक मंदी और अंतर्राष्ट्रीय तेल कीमतों में बढ़ोतरी के कारण होने की संभावना है। इस वित्तीय वर्ष में इस उद्योग की वृद्धि तकरीबन 24 फीसदी रहेगी।
वित्तीय वर्ष 2008 में कुल आईटी राजस्व 1920 अरब रुपये रहा जिसमें हार्डवेयर भी शामिल है और वित्तीय वर्ष 2009 में यह 2560 अरब रुपये तक पहुंच जाने की संभावना है। वित्तीय वर्ष 2008 में कुल सॉफ्टवेयर और सेवा राजस्व 1580 अरब रुपये रहा जिसके 2009 में बढ़ कर 2080 अरब रुपये हो जाने की संभावना है।
वहीं निर्यात की भागीदारी वित्तीय वर्ष 2008 के 1252 अरब रुपये की तुलना में 1612 अरब रुपये पर पहुंच जाने की संभावना है। नैसकॉम के अध्यक्ष सोम मित्तल ने बीपीओ स्ट्रेटेजी समिट-2008 के दौरान अलग से बातचीत में कहा, ‘वैश्विकृत अर्थव्यवस्था के हिस्से के रूप में हमें स्वीकार करना होगा कि कोई बाहरी बदलाव हमें प्रभावित करेगा।’
इन्फोसिस समेत कई सॉफ्टवेयर कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2009 की पहली दो तिमाहियों में मंद विकास की आशंका जताई है। इन कंपनियों के ग्राहक अब प्रौद्योगिकी पर खर्च करने से कतरा रहे हैं। नैसकॉम जुलाई में इस बारे में रिपोर्ट जारी करेगा।
नैसकॉम के चेयरमैन गणेश नटराजन का कहना है, ‘एक ओर जहां कुछ का मानना है कि इससे वृध्दि प्रभावित होगी तो वहीं अन्य विशेषज्ञ इस स्थिति को तेजी से बढ़ते घरेलू बीपीओ बाजार के लिए सकारात्मक मान रहे हैं।’ जेनपेक्ट के मुख्य कार्यकारी प्रमोद भसीन का कहना है कि कई विदेशी कंपनियां भारत की तरफ देख रही हैं।