हवाई जहाज के टिकटों की बिक्री पर मिलने वाला कमीशन बंद करने की घोषणा से नाराज ट्रैवल एजेंटों ने चेतावनी दी है कि अगर विमानन कंपनियां अपने इस फैसले को वापस नहीं लेती हैं तो वे घरेलू और विदेशी विमानों के टिकट बेचना बंद कर देंगे।
इसके पूर्व विमानन कंपनियों ने कहा था कि बढ़ते खर्च और धीमे विकास के कारण वे 1 अक्टूबर से ट्रैवल एजेंटों को मिलने वाला कमीशन बंद कर देंगी। मुंबई में देश के तीन प्रमुख ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन की बैठक में यह चेतावनी दी गई।
बैठक में ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, ट्रैवल एसोसिएशन फेडरेशन ऑफ इंडिया और इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स के अधिकरी मौजूद थे जो देश में 4,500 से अधिक आइटा अधिकृत अंतरराष्ट्रीय और घरेलू एजेंटों का प्रतिनिधित्व करते हैं। कुल एयर टिकटिंग कारोबार का 85 फीसदी से अधिक कारोबार इन्हीं एजेंटों के जरिए होता है।
एसोसिएशन ने कहा कि 24 जुलाई को दिल्ली में एजेंटों और प्रमुख विमानन कंपनियों की बैठक में अगर कोई समाधान नहीं निकलता है तो टिकटों की बिक्री बंद कर दी जाएगी। अगर ऐसा होता है तो सबसे अधिक परेशानी यात्रियों को उठानी पड़ेगी जिन्हें टिकटों की बिक्री और उसे रद्द कराने के लिए कंपनी के टिकटिंग काउंटरों पर आश्रित होना पड़ेगा। या फिर उनके पास एक और विकल्प इंटरनेट के जरिए टिकट हासिल करना होगा जो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए उतना लोकप्रिय नहीं है।
विमानन कंपनियां अब तक एजेंटों को टिकटों के मूल किराए का 5 फीसदी कमीशन के तौर पर दिया करती थीं। यह कमीशन पहले 9 फीसदी हुआ करता था जिसे घटाकर 5 फीसदी किया गया था। पिछले महीने घरेलू विमानन कंपनियों जेट एयरवेज, किंगफिशर और एयर इंडिया ने ट्रैवल एजेंटों को पत्र लिख कर कहा कि 1 अक्टूबर से उन्हें टिकटों की बुकिंग पर कोई कमीशन नहीं दिया जाएगा।
विदेशी विमानन कंपनियों लुफ्थांसा, सिंगापुर एयरलाइंस और ब्रिटिश एयरवेज ने भी ऐसी ही घोषणा की है। विमानन कंपनियों का कहना है कि इस कदम के जरिए वे 1,000 करोड़ रुपये तक की बचत कर लेंगी। अभी हाल ही में पाकिस्तान में भी विमानन कंपनियों ने एजेंटों को मिलने वाले कमीशन को खत्म करने की घोषणा की थी, हालांकि इस फैसले को एक हफ्ते के भीतर ही वापस लेना पड़ा था।