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पहले घोषित नतीजों में बिक्री में जबरदस्त तेजी

Last Updated- December 07, 2022 | 12:42 PM IST

भारतीय कंपनियों में से जिन कंपनियों ने जून में समाप्त होने वाली तिमाही के लिए अपने नतीजे पहले घोषित कर दिए हैं, उन्होंने बाजी मार ली है।


इन कंपनियों ने लगातार पिछली चार तिमाहियों के मुकाबले इस तिमाही में सबसे अधिक बिक्री वृध्दि दर दर्ज की है। कॉर्पोरेट जगत के लिए खुशी की बात यहीं खत्म होती है। चेन्नई पेट्रोलियम को छोड़ दें तो शुध्द लाभ में इजाफा दहाई के आंकड़े को छू भी नहीं पाया है।

अपने नतीजे घोषित कर चुकी पहली 151 कंपनियों की शुध्द बिक्री में 36.1 प्रतिशत की वृध्दि हुई, जिसमें कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण अधिक रिफाइनरी मार्जिन कमाने वाली चेन्नई पेट्रोलियम का बढ़ा हाथ था। कंपनी ने अपने नतीजों में 80 प्रतिशत का इजाफा शुध्द बिक्री में दर्ज किया है। अगर चेन्नई पेट्रोलिम को अलग कर दिया जाए तो 150 कंपनियों की शुध्द बिक्री की दर घटकर 27.3 प्रतिशत है।

शुध्द लाभ की वृध्दि दर इस तिमाही में 14.82 प्रतिशत रही, जिसमें चेन्नई पेट्रोलियम भी शामिल है जिसका शुध्द लाभ 117.6 प्रतिशत बढ़ा। अगर इस सरकारी कंपनी रिफाइनरी को अलग कर दिया जाए तो 150 कंपनियों के लिए शुध्द लाभ 8.92 प्रतिशत है। पहले नतीजे घोषित कर चुकी कंपनियां अभी भी लागत के दबाव के नीचे दबी हुई हैं। इन 151 कंपनियों की कुल लागत 36.7 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी जबकि कंपनियों की शुध्द बिक्री में 36.1 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

नतीजतन कंपनियों का परिचालन लाभ 18.2 प्रतिशत से बढ़ा है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसकी दर 26.5 प्रतिशत थी। सॉफ्टवेयर कंपनियां अमेरिका में मंदी के चलते एक बार फिर डॉलर राजस्व में धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रही हैं। कंपनियों को रुपये में मजबूती के डर से ऊंची विनिमय दरों पर निर्यात राजस्व को हेज करने की वजह से डेरिवेटिव नुकसान उठाना पड़ रहा है। लेकिन रुपये की कीमत साल-दर-साल के आधार पर लगभग 7 प्रतिशत घटी है और निर्यातकों को मार्क-टू-मार्केट नुकसान हो रहा है। विनिमय दर में उतार-चढ़ाव से विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बॉन्ड और विदेशी वाणिज्यिक उधारी की लागत बढ़ रही है।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि विनिमय दर में उतार-चढ़ाव से अन्य आय 5.5 प्रतिशत घट गई है, जिसमें पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 92.6 प्रतिशत का इजाफा था। रुपये की घटती कीमत से विदेशी उधारियों की लागत बढ़ी है, जबकि कर्ज की ब्याज दरों में इजाफे से घरेलू उधारियों की लागत काफी बढ़ गई है। इसके परिणामस्वरूप : ब्याज पिछले वित्त वर्ष की सामन अवधि में 16.9 प्रतिशत के मुकाबले लगभग दोगुना होकर 35.8 प्रतिशत हो चुका है।

जून तिमाही में अपने नतीजे घोषित कर चुकी पहली 151 कंपनियों का मुनाफा मार्जिन घटा है। इन कंपनियों के परिचालन और सकल मार्जिन 3.15 प्रतिशत अंकों की गिरावट के साथ क्रमश: 20.8 प्रतिशत और 19.3 प्रतिशत रह गया, जबकि शुध्द मुनाफा मार्जिन 2.48 प्रतिशत की गिरावट के साथ यह 13.4 प्रतिशत हो गया है। कंपनियों के नतीजे मिश्रित आए हैं। सीमेंट क्षेत्र की में मुनाफे की वृध्दि दर में गिरावट दर्ज हुई है। अल्ट्राटेक सीमेंट, जेपी एसोसिएट, प्रिज्म सीमेंट और श्री सीमेंट का प्रदर्शन तारीफ के काबिल नहीं रहा।

First Published - July 21, 2008 | 10:40 PM IST

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