अमेरिकी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का एक समूह येस बैंक की आगामी शेयर बिक्री में स्ट्रक्चर्ड अप्रायोजित अमेरिकी डिपॉजिटरी रिसीट्स के जरिए निवेश करने का विकल्प तलाश रहा है और इस संबंध में एक भारतीय बैंक से उनकी बातचीत हो रही है ताकि वह 30 करोड़ डॉलर की शेयर खरीद में कस्टोडियन की भूमिका निभा सके।
पिछले साल अक्टूबर में सेबी ने भारतीय सूचीबद्ध कंपनियों की तरफ से जारी होने वाले डिपॉजिटरी रिसीट्स का विस्तृत ढांचा तैयार किया था, जो स्थानीय फर्मों को आसानी से विदेशी फंडों तक पहुंच की अनुमति देता है, लेकिन इसके साथ कुछ शर्तें भी हैं।
इन निवेशकों ने भारतीय बाजार नियामक से स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या वे अप्रायोजित एडीआर के जरिए येस बैंक की शेयर बिक्री में निवेश कर सकते हैं या नहीं।
देश का छठा सबसे बड़ा निजी बैंक येस बैंक अगले कुछ हफ्तों में 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रहा है और इस महीने बाजार नियामक के साप विवरणिका जमा कराएगा। बैंक को इस साल मार्च में कई निवेशकों से पूंजी जुटानी पड़ी थी जब उसके फंसे कर्ज में तेजी से बढ़ोतरी हुई और जमाओं में 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की कमी आई क्योंकि घबराए हुए जमाकर्ता रकम की निकासी कर रहे थे। नया प्रबंधन आने और भारतीय रिजर्व बैंक की मदद से बैंक को संकट टालने में मदद मिली और वह भारतीय स्टेट बैंक व अन्य निवेशकों मसलन आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी, ऐक्सिस, कोटक, बंधन, फेडरल और आईडीएफसी फस्र्ट से 10,000 करोड़ रुपये जुटाने में कामयाब रहा। तब से बैंक 32,500 करोड़ रुपये का प्रावधान कर चुका है जबकि अधिकतम अनुमानित नुकसान 25,500 करोड़ रुपये का है। बुधवार को स्टॉक एक्सचेंज को भेजी सूचना में बैंक ने ये बातें कही थी।
अमेरिका के नए निवेशकों ने येस बैंक के प्रबंधन को संकेत दिया है कि वह खाताबही दुररुस्त करने के बैंक के कदम को पसंद करेंगे ताकि वह एफपीओ में भी बैंक में निवेश कर सकें। अमेरिका के एफपीआई सिटीबैंक से भी बातचीत कर रहे हैं ताकि वह डिपॉजिटरी बैंंक बने और अप्रायोजित एडीआर ओटीसी बाजार में सूचीबद्धता के लिए जारी करे।
एक बैंकर ने कहा, यह मार्ग येस बैंक को एसईसी के नियमों से राहत देगा और विदेशी सूचीबद्ध कंपनी को एसईसी पंजीकरण से छूट पाने की अनुमति देगा और निवेशक महंगी खरीद व बिक्री प्रक्रिया को टाल सकेंगे।
अभी एनआरआई को किसी प्रायोजित एडीआर में निवेश की अनुमति नहीं है, लेकिन वे अप्रायोजित एडीआर में अमेरिकी प्रतिभूति के तौर पर निवेश कर सकेंगे, जिसका विनियमन सिक्योरिटीज ऐंड एक्सचेंज कमीशन करता हो। यह निवेशकों के लिए बड़ा बाजार खोलता है।
रकम जुटाने से बैंक को काफी राहत मिलेगी, जिसने पिछले वित्त वर्ष में 16,418 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया है। बैंक के अंकेक्षक के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020 के पिछले छह महीने में बैंक की जमा आधार में बड़ी कमी नहीं आई, एनपीए अनुपात में इजाफा हुआ।