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विक्टर तालेगांव में बनाएगी ऑटो पुर्जे

Last Updated- December 10, 2022 | 5:31 PM IST

जर्मनी की गैस्कट निर्माता कंपनी विक्टरी रींज जल्द ही भारतीय और वैश्विक बाजारों के लिए कई प्रकार के उत्पादों का निर्माण करेगी।


इन उत्पादों के निर्माण के लिए कंपनी पुणे के पास तालेगांव में एक कारखाना लगाएगी। विक्टर रींज इंडिया विक्टर रींज और पुणे के जयंत गु्रप के बीच 51:49 भागीदारी वाला एक संयुक्त उपक्रम है।


यह संयुक्त उपक्रम टाटा मोटर्स, एम ऐंड एम, रेनो, ऑडी और अन्य प्रमुख ऑटोमोटिव कंपनियों के लिए गासकेट, हीट टेप्स, कैप कवर्स, गासकेट मैटेरियल तैयार करने के लिए एक निर्माण इकाई स्थापित करने जा रहा है।


विक्टर रींज इंडिया के प्रबंध निदेशक आकाश दवे ने कहा कि नवगठित कंपनी निर्माण इकाई पर दो चरणों में 40 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। उन्होंने कहा, ‘विक्टर रींज के उत्पाद भारत में पहले से ही लोकप्रिय हैं और हम यहां 8.5 लाख सिलेंडर गासकेट सालाना बेच रहे हैं। नई इकाई से घरेलू गासकेट बाजार को केंद्रित किया जाएगा।’


डीएएनए ग्रुप की समूह कंपनी विक्टर रींज इंडिया तालेगांव में स्थापित किए जाने वाले अपने नए संयंत्र को एक निर्यात इकाई के रूप में भी देख रही है। डीएएनए सीलिंग प्रोडक्ट्स के अध्यक्ष राल्फ गोइटेल ने कहा, ‘यदि हमारे ग्राहकों की ओर से मांग बढ़ती है तो हम तालेगांव इकाई में निर्मित उत्पादों को यूरोप, चीन और अमेरिका जैसे बाजारों के लिए निर्यात कर सकते हैं।’


यह नई निर्माण इकाई अगले वर्ष की पहली तिमाही में संचालन शुरू कर देगी। जब इसका संचालन पूरी तरह शुरू हो जाएगा, कंपनी सालाना 20 लाख यूनिट डिलीवर करने में सक्षम होगी। दवे ने कहा, ‘भारतीय बाजार में हमारी बिक्री 34.65 करोड़ रुपये है। नई इकाई के शुरू होने के बाद 2011 तक यह 63 करोड़ रुपये के बिंदु को पार कर जाएगा।’

First Published - April 9, 2008 | 1:06 AM IST

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