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भूमि विवाद का निपटारा कर सकते हैं वाडिया और रहेजा

Last Updated- December 07, 2022 | 9:01 AM IST

बॉम्बे डाइंग के चेयरमैन नुस्ली वाडिया और रहेजा कॉर्प के सी. एल. रहेजा मुंबई में भूमि विकास विवाद को अदालत से बाहर निपटा सकते हैं। यह भूमि मुंबई के पश्चिमी उपनगर मलाड में है।


इस साल फरवरी में वाडिया ने के. रहेजा कॉर्प के चंद्रू रहेजा और उनके पुत्रों रवि और नील के साथ-साथ उनके भतीजों राहुल और आशीष के खिलाफ मलाड भूमि के विकास को लेकर हुए समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था और बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वाडिया ने 350 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की थी।

इन विवादास्पद संपत्तियों में इनॉर्बिट मॉल, हाइपरसिटी और माइंडस्पेस समेत मुंबई की कई प्रमुख संपत्तियां शामिल हैं। इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, ‘दोनों पार्टियां अदालत से बाहर इस मसले को निपटाने पर विचार कर रही हैं, लेकिन इस समझौते को अंतिम रूप दिए जाने में कुछ वक्त लगेगा।’ जब इस बारे में वाडिया समूह के प्रवक्ता से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया, ‘हम किसी अटकलबाजी पर प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करते।’

दूसरी तरफ के राहेजा कॉर्प के अधिकारियों से कई बार फोन कर और मैसेज भेज कर इस बारे में बातचीत करने की कोशिश की गई, लेकिन वे प्रतिक्रिया देने के लिए सामने नहीं आए हैं। अधिकारियों के मुताबिक हालांकि उच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई के लिए 25 जून की तारीख तय की गई थी, लेकिन मामले पर सुनवाई नहीं हुई। इस भूमि पर मालिकाना हक स्वर्गीय इदुलजी फ्रैमरोज दिनशॉ का था और वाडिया इसके एकमात्र प्रशासक हैं। दिनशॉ एस्टेट अन्य पक्षों को संपत्ति की बिक्री या लीज से प्राप्त राजस्व में से 12 फीसदी का भुगतान करेगी।

के. रहेजा कॉर्प पर यह आरोप लगाया है कि उसने अपनी सहयोगी संस्थाओं और इन संपत्तियों की खरीदारी के उद्देश्य से बनाई गई कंपनियों को यह जमीन बेच दी या लीज पर दे दी थी। वाडिया के वकीलों ने इस साल फरवरी में एक सार्वजनिक सूचना में कहा था कि वाडिया ने रहेजा के स्वामित्व वाली आयवरी प्रॉपर्टीज ऐंड होटल्स के साथ 2 जनवरी, 1995 को हुए समझौते को समाप्त कर दिया है जो 1 फरवरी से लागू है। उन्होंने कहा था कि रवि सी रहेजा एवं नील सी. रहेजा के पक्ष में की गई दो पावर ऑफ अटॉर्नी को भी रद्द कर दिया गया है।

वाडिया ने आरोप लगाया था कि मलाड की भूमि पर रहेजा ने तकरीबन 10 परिसपंत्तियां अवैध रूप से विकसित की हैं जिनमें हाइपरसिटी, इनॉर्बिट मॉल, इन्फीनिटी टावर्स और इंटेलनेट शामिल हैं। वाडिया ने अदालत से मांग की थी कि वह रहेजा से इन ढांचों को ध्वस्त करने को कहे। उन्होंने अदालत से दुकानों की लीज का नवीनीकरण रोकने की भी मांग की थी।

इस साल मई में वाडिया ने सी. एल. रहेजा के भाई जी. एल. रहेजा और उनके संबंधियों के खिलाफ मामला अदालत में ले जाकर इस समझौते के उल्लंघन के लिए 1370 करोड़ रुपये की मांग की। वाडिया ने रहेजा पर आरोप लगाया था कि उसने मलाड में तकरीबन 478 एकड़ भूमि के विकास के लिए उनके और जीएल रहेजा समूह के बीच हुए समझौते का उल्लंघन किया है।

First Published - July 2, 2008 | 11:18 PM IST

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