अगले साल डॉक्टर रेड्डीज लैबोरेटरीज अपनी स्थापना के 25 साल पूरे करने जा रही है और इस खास मौके पर कंपनी की योजना है कि वह एक वैश्विक कंपनी के तौर पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो।
कंपनी की 24वीं आम वार्षिक बैठक में अध्यक्ष के अंजी रेड्डी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जी वी प्रसाद ने कंपनी की उपलब्धियों और योजनाओं का जिक्र बीएस संवाददाता से किया। कुछ मुख्य अंश:
किन परियोजनाओं पर कंपनी का काम चल रहा है?
दवा की खोज का जिक्र करें तो दो योजनाएं क्लीनिकल विकास के दौर में हैं और एक का विकास प्री-क्लीनिकल दौर में। बालाग्लिटाजोन का फेज तीन का क्लीनिकल विकास अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है और अब तक जो परिणाम सामने आए हैं वे भी उत्साहजनक हैं। कंपनी अब मधुमेह समेत कुछ अन्य बीमारियों से जुड़ी चार परियोजनाओं पर काम कर रही है।
आप किस प्रकार के अणुओं की उम्मीद कर रहे हैं?
इसे देखने हमें उम्मीद है कि अगले चार सालों में काफी संख्या में इन परियोजनाओं से अणुओं को क्लीनिकल विकास में भेजा जा सकेगा।
कौन से देश आपकी प्राथमिकता सूची में शामिल हैं?
भारत, अमेरिका और रूस के बाजारों में तेजी से विकास हो रहा है। अब हम भारत में नए लॉन्च और कैंपेन पर ध्यान देंगे। हमारा लक्ष्य है कि मौजूदा साल में हम 25 फीसदी की दर से विकास करें। हम अमेरिका में डर्मेटोलोजी के लिए एक विशेष कारोबारी इकाई का गठन भी करने जा रहे हैं।
क्या कंपनी पर किसी और कंपनी की नजर है?
अगर आप अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं तो स्वाभाविक है कि कई लोगों की आप पर नजर होगी। कंपनी किसी भी गठजोड़, साझेदारी या तालमेल के लिए तैयार है जिससे शेयरधारकों को फायदा पहुंचता हो। पर हम स्पष्ट करना चाहेंगे कि हम कंपनी को बेचने के बारे में कोई विचार नहीं कर रहे हैं।
भारतीय औषधि उद्योग क्षेत्र में जो हलचल है उस बारे में आपकी क्या राय है?
हाल ही में एक प्रमुख भारतीय दवा कंपनी (रैनबैक्सी) का जापानी दवा कंपनी (दायची सांक्यो) के हाथों खरीदा जाना इस उद्योग जगत में एक बदलाव को दर्शाता है। जिस कंपनी का भारत में विकास हुआ था अब वह बहुराष्ट्रीय जापानी कंपनी की सब्सिडरी कहलाएगी। यह डील कंपनी के निवेशकों, कर्मचारियों और प्रमोटरों के हित को ध्यान में रखते हुए की गई है। जापानी कंपनी के भारत में प्रवेश करने से देश में रिसर्च का माहौल तैयार होगा।
क्या कंपनी नए गठजोड़ों के बारे में भी सोच रही है?
दवाओं की खोज के लिए कंपनी ने 7टीएम फार्मा के साथ गठजोड़ किया है। तीन अधिग्रहणों के जरिए हम विदेशों में अपनी पहचान को और मजबूत बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं- ब्रिटेन में डाउफार्मा का कारोबार, इटली में जेट जेनेरिकी एसआरएल और अमेरिका के श्रेवेपोर्ट में बीएएसएफ का संयंत्र।
कंपनी की आगामी निवेश योजनाएं?
पूंजीगत निवेश के अलावा हमने उत्पादन और शोध एवं विकास संयंत्रों पर 630 करोड़ रुपये का निवेश किया है। एक वित्तीय वर्ष के दौरान यह हमारा अब तक का सबसे बड़ा निवेश है।
सीएसआर के बारे में आपकी राय?
डॉक्टर रेड्डीज फाउंडेशन का ध्यान अब उन छात्रों को शिक्षा दिलाने की है जो स्कूली शिक्षा बीच में ही छोड़ चुके हैं। साथ विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए सरकार के साथ भी साझेदारी की जा रही है। टयूबरक्यूलोसिस यानी तपेदिक की दवा तैयार करने के लिए टीबी एलायंस के साथ भी काम किया जा रहा है।