शहरों के बाजार में मारामारी को देखकर मारुति ने अब गांवों की राह पकड़ ली है।
आम आदमी की कार होने का दावा भरने वाली कंपनी अब असली मायनों में आम आदमी के पास पहुंचने की जुगत भिड़ा रही है। अपनी इस मुहिम पर काम करते हुए उसने पिछले 7 महीनों में आल्टो और स्विफ्ट मॉडल की कई कारें गांवों में पहुंचवा दी हैं।
उसके 1,500 ग्रामीण डीलर खास तौर पर यह काम कर रहे हैं।मारुति सुजुकी के मुख्य महा प्रबंधक मार्केटिंग मयंक पारीक ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि देश भर के गांवों में कंपनी अपना जाल बिछाना चाहती है। उनके मुताबिक गांवों में बड़ी तादाद में ऐसे लोग हैं, जो कार खरीदना चाहते हैं। लेकिन कोई भी कार कंपनी उन पर नजर नहीं डाल रही है।
पारीक ने कहा, ‘सरपंच या व्यापारी और बड़े किसान कारें खरीदने के लिए पैसे लेकर इंतजार कर रहे हैं, लेकिन गांवों में डीलर ही नहीं हैं। मारुति सोची समझी योजना के तहत आल्टो और स्विफ्ट को गांवों का रुख करा रही है।’
इस रणनीति का ही नतीजा है कि पिछले कुछ समय में कंपनी की तकरीबन 10 फीसदी कारें गांवों में ही बिकी हैं। लेकिन कंपनी इतने से ही संतुष्ट नहीं है। पारीक ने बताया कि अपने डीलरों की तादाद में इजाफा कर मारुति इस आंकड़े को और बढ़ाना चाहती है। इस पर काम भी चल रहा है।