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महंगाई की पड़ी मार, तो आईटी में भी घटने लगे रोजगार

Last Updated- December 07, 2022 | 11:01 AM IST

मोटा वेतन देने के मामले में दरियादिल माने जाने वाले आईटी उद्योग में अब अजब सा  सूखा पड़ गया है। आईटी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों ने कैंपस प्लेसमेंट्स से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है।


लगातार बढ़ती महंगाई दर और डॉलर के मुकाबले कमजोर होते रुपये के कारण छाई मंदी से आईटी उद्योग की बड़ी कंपनियां नई नियुक्तियों में जबरदस्त कटौती कर रही हैं। बड़ी कंपनियां कैंपस नियुक्तियां नहीं के बराबर ही कर रही हैं।

हर साल आईटी उद्योग लगभग 16 लाख प्रोफैशनल्स नियुक्त करता है। वित्त वर्ष 2006-07 के दौरान इन्फोसिस, विप्रो, टीसीएस, सत्यम, एचसीएल और कॉग्नीजेंट ने ही लगभग 92,412 लोगों की नियुक्त की थी। वित्त वर्ष 2007-08 में कंपनियों ने सिर्फ 89,868 लोगों को ही नियुक्त किया और इस वित्त वर्ष में इस संख्या में लगभग 15-20 फीसदी की और गिरावट आने की आंशका है।

बड़ी कंपनियां प्लेसमेंट कर रही हैं तो  छात्रों को कैंपस प्लेसमेंट के लगभग 6-9 महीने बाद कंपनी ज्वाइन करने के लिए कहा जा रहा है। इन कंपनियों में नियुक्ति होने के बावजूद छात्र ज्वाइन करने के लिए 6-9 महीने इंतजार करने के लिए तैयार नहीं हैं। इसलिए छात्र छोटी कंपनियों को तवाो दे रहे हैं। बड़ी कंपनियों में नए आईटी प्रोफे शनलों की नियुक्तियों को लेकर छाई उदासी का फायदा छोटी आईटी कंपनियों को मिल रहा है।

चेन्नई की आईटी कंपनी एस्पायर की मानव संसाधन प्रमुख धाया ने बताया, ‘इस मंदी के कारण बड़ी आईटी कंपनियों ने नियुक्तियों में कमी की है इससे कॉलेज प्लेसमेंट्स में छोटी कंपनियों को तवज्जो मिल रही है।’ एस्पायर ने हाल ही में यूरोप में अधिग्रहण किये हैं। कंपनी इस साल लगभग 200 से भी ज्यादा लोगों को नियुक्त करने की योजना बना रही है। कंपनी ने कर्मचारियों के वेतन में इस बार भी पिछले साल के बराबर ही बढ़ोतरी की है और इन्सेंटिव्स में भी कोई कटौती नहीं की है।

दुनिया भर के बैंकों को रिटेल वेंडिंग की सेवा देने वाली आईटी कंपनी न्युकलियस सॉफ्टवेयर के अध्यक्ष और प्रमुख (ग्लोबल सेल्स और मार्केटिंग) नीरज वेदवा  ने बताया, ‘कंपनी ने पिछले साल लगभग 800 लोगों को नियुक्त किया था। इस साल भी यह आंकड़ा इतना ही रहेगा। अगले महीने ही लगभग 30 लोग कंपनी ज्वाइन करने वाले हैं।’ कंपनी ने मंदी के कारण कर्मचारियों की छंटनी नहीं की है। हालांकि कंपनी ने इस साल कर्मचारियों की वेतन बढ़ोतरी में कमी की है। पिछले साल जहां कर्मचारियों के  वेतन में लगभग 25 फीसदी तक इजाफा किया था। इस साल यह आंकड़ा 14-15 फीसदी ही रहा है।

नोएडा स्थित आईटी कंपनी ग्लोबल लॉजिक की मानव संसाधन प्रमुख इति कुमार ने कहा, ‘कंपनी का कारोबार दुनिया भर में फैला हुआ है इसीलिए कंपनी पर मंदी का ज्यादा असर नहीं हुआ है। कंपनी ने पिछले साल लगभग 1093 लोगों की नियुक्ति की थी इस साल भी कंपनी लगभग उतने ही लोगों को नियुक्त करने की योजना बना रही  है।’ उन्होंने बताया कि कंपनी ने मंदी के कारण किसी भी कर्मचारी को नहीं निकाला है। पिछले साल कंपनी ने कर्मचारियों के वेतन में जहां 15 फीसदी की बढ़ोतरी की थी वहीं इस साल यह आंकड़ा घटकर 8 फीसदी हो गया।

हालांकि कंपनी ने कर्मचारियों को मिलने वाले इन्सेंटिव्स में कोई कमी नहीं की है। बाजार में मंदी और के कारण कंपनियां भी अतिरिक्त कर्मचारियों का बोझ झेलने को तैयार नहीं है। इस साल की शुरुआत में आईबीएम ने एप्टीटयूड टेस्ट में फेल होने के बाद लगभग 700 कर्मचारियों की छंटनी की थी। टीसीएस ने भी अपने कर्मचारियों के इंसेंटिव्स में 2 फीसदी की कमी की थी। इसके बाद कंपनी ने 2-3 साल के अनुभव वाले लगभग 500 कर्मचारियों की कंपनी के मानको पर खरा नहीं उतर पाने के कारण छंटनी कर दी थी।

लागत कम करने के लिए विप्रो ने भी नई नियुक्तियों में जबरदस्त कमी की है। इस मामले में इन्फोसिस भी पीछे नहीं है। इन्फोसिस ने सालाना सर्टिफिकेशन प्रोग्राम में असफल कर्मचारियों की छुट्टी कर देने की घोषणा की है।

First Published - July 14, 2008 | 12:42 AM IST

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