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येस बैंक: बोर्ड बैठक आज, पूंजी जुटाने की तैयारी

Last Updated- December 15, 2022 | 9:17 AM IST

येस बैंक की बोर्ड बैठक सोमवार को आयोजित की गई है। इसमें फॉलो-ऑन शेयर बिक्री के जरिये 10,000 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। इससे बैंक को अपना पूंजी आधार मजबूत करने में मदद मिलेगी।  बोर्ड बैठक में रकम जुटाने का यह प्रस्ताव पारित होते ही बैंक अपने फॉलो-ऑन पेशकश के आवेदन के लिए दस्तावेज जमा कराएगा। इस एफपीओ के लिए कीमत भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के फॉर्मूले के तहत निर्धारित की जाएगी। येस बैंक का शेयर शुक्रवार को 28 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ जिससे उसका बाजार पूंजीकरण करीब 35,141 करोड़ रुपये हो गया।
येस बैंक ने इस बाबत जानकारी के लिए भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया।
बैंक को 9.98 फीसदी तक हिस्सेदारी खरीदने के लिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) से प्रस्ताव पहले ही प्राप्त हो चुके हैं। इस मामले से अवगत सूत्रों ने बताया कि उनमें से कुछ इसे गैरप्रायोजित अमेरिकन डिपॉजिटरी रिसीट (एडीआर) में बदलने की योजना बना रहे हैं। बैंकों को सौंपी गई योजना के अनुसार, एफपीआई पहले येस बैंक के शेयरों की खरीदारी करेंगे और उसके बाद कुछ एफपीआई उन शेयरों को गैर-प्रायोजित एडीआर में परिवर्तित करने की योजना बना रहे हैं। इस मार्ग को भारतीय रिजर्व बैंक और सेबी दोनों से मंजूरी लेने की आवश्यकता होगी।
इस मामले के एक करीबी सूत्र ने कहा, ‘येस बैंक के शेयर हासिल कर लेने के बाद एक निवेशक गैरप्रायोजित एडीआर के लिए एक कस्टोडियन नियुक्त करने और अमेरिका में ओटीसीक्यूएक्स पर उन्हें सूचीबद्ध कराने के लिए उत्सुक हैं। अमेरिका के सिक्योरिटीज ऐक्ट की रूल 12 (जी) के तहत किसी मान्यता प्राप्त विदेशी स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध प्रतिभूतियों के लिए पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं है।’
येस बैंक को रकम की तत्काल आवश्यकता है। ऑडिटरों ने पहले ही कहा है कि बैंक ने कई मानदंडों का उल्लंघन किया है और उसके पास पूंजी का अभाव है। अब नए प्रबंधन के तहत बैंक ने 15,000 करोड़ रुपये तक रकम जुटाने का वादा किया है ताकि उसके पूंजी आधार को मजबूती दी जा सके। पिछले प्रबंधन के तहत येस बैंक के डूबते ऋण का आकार काफी बढ़ गया था और नई पूंजी के जरिये बैंक को उससे निपटने में भी मदद मिलेगी।
ऑडिटरों ने कहा कि बैंक ने न्यूनतम वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) और आरबीआई के नकदी प्रवाह कवरेज अनुपात संबंधी आवश्यकताओं को भी वित्त वर्ष 2020 के दौरान नजरअंदाज किया। ऑडिटरों ने कहा कि एसएलआर संबंधी नियमों के उल्लंघन मामले में संभावित जुर्माने के लिए बैंक ने 334 करोड़ रुपये की रकम प्रदान की है। बैंक के लिए यह पूंजी निवेश जरूरी है क्योंकि उसे दिसंबर 2019 तिमाही के लिए 15,422 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान करना है। यह बैंक के एनपीए (गैर-निष्पादित आस्तियां) के मूल्यांकन और भारतीय रिजर्व बैंक के न्यूनतम प्रावधान संबंधी नियमों पर आधारित है।
बैंक ने कई उधारकर्ताओं ने अदायगी में चूक की है जिनमें सीजी पावर, अनिल अंबानी समूह की कंपनियां, एस्सेल ग्रुप, कॉक्स ऐंड किंग्स, दीवान हाउसिंग एवं अन्य रियल एस्टेट कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों को सभी ऋण उस दौरान आवंटित किए गए थे जब येस बैंक की कमान उसके पूर्व प्रवर्तक राणा कपूर के हाथों में थी। राणा कपूर कथित धन शोधन के मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने कपूर द्वारा करीब 5,050 करोड़ रुपये की रकम की हेराफेरी का अनुमान लगाया है।
भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में कई बैंकों ने इसी साल मार्च में येस बैंक में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश किया ताकि उसका परिचालन बरकार रह सके।

First Published - June 22, 2020 | 12:44 AM IST

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