राहुल द्रविड़ के जाने के बाद हेड कोच कौन बनेगा इस पर हफ्तों से अटकलें लगाई जा रही थीं, बीसीसीआई ने मंगलवार, 9 जुलाई को गौतम गंभीर को भारत के अगले मुख्य कोच के रूप में नियुक्त करने की घोषणा करके इन सारी अटकलों को विराम दे दिया। पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज इस पद के लिए सबसे आगे थे। और आखिरकार द्रविड़ की विदाई के साथ उन्हें इस प्रतिष्ठित और चुनौतीपूर्ण पद की बागडोर थमा दी गई है।
गौर करने वाली बात है कि गंभीर इस साल आईपीएल खिताब जीतने वाली कोलकाता नाइट राइडर्स के मेंटर थे। सभी भारतीय क्रिकेट समर्थकों के लिए यह रोमांचक समय है, क्योंकि गंभीर अपनी आक्रामक रणनीति और दूर की सोच के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने पहले आईपीएल में लखनऊ सुपर जायंट्स के साथ भी मेंटर के तौर पर काम किया है।
बहरहाल, टीम इंडिया का कोच बनना आईपीएल कि किसी टीम को मेंटर करने से कहीं ज्यादा मुश्किल है। ऐसे में गंभीर के सामने कई सारी चुनौतियां मुंह खोले खड़ी हैं। अगर वह इन चुनौतियों को अच्छे से सुलझाने में कामयाब हो जाते हैं तो वह टीम इंडिया को नए शिखर पर ले जा सकते हैं। कौन है वे चुनौतियां? आइए नजर डालते हैं।
जीतना होगा युवाओं का भरोसा
गंभीर के लिए सबसे बड़ी परीक्षा होगी युवा खिलाड़ियों का विश्वास जीतना। अभी सिर्फ कुछ ही खिलाड़ी हैं जो लखनऊ या कोलकाता की टीमों में उनके साथ खेल चुके हैं और उनके तरीके को जानते हैं। बाकी खिलाड़ियों को उनके साथ घुलना-मिलना होगा। पर ये बात भी सच है कि दिल्ली के गंभीर हर तरह के युवा खिलाड़ियों के साथ अच्छा काम करने के लिए जाने जाते हैं। इसलिए उम्मीद है कि बाकी खिलाड़ी भी उनके साथ कोच के रूप में काम करने के लिए उत्साहित होंगे।
भारतीय टीम में शामिल होने के लिए कई युवा खिलाड़ी तैयार हैं और गंभीर के ऊपर काफी ज़िम्मेदारी आने वाली है।
रोहित और कोहली की कमी को पूरा करना
गंभीर के लिए एक और बड़ा काम टी20 मैचों में रोहित शर्मा और विराट कोहली के ना होने से बनी कमी को दूर करना होगा। साथ ही, उन्हें टीम में अगले लीडर को ढूंढकर उसे निखारना होगा। ऐसा लगता है कि हार्दिक पांड्या उन खिलाड़ियों में से एक हैं, जो सबसे छोटे फॉर्मेट में गंभीर के साथ काम करने का लुत्फ उठाएंगे, और गंभीर भी उनके साथ अच्छा रिश्ता बनाने के इच्छुक होंगे। भारत को टी20 क्रिकेट के लिए एक मजबूत लीडर और 2026 के अगले टी20 वर्ल्ड कप के लिए एक ठोस प्लान की जरूरत है। इस टी20 वर्ल्ड कप की सह-मेजबानी भारत करेगा।
टेस्ट क्रिकेट में जीत का सिलसिला शुरू करना
भारतीय टीम दुनिया की सबसे बेहतरीन टेस्ट टीमों में से एक है, लेकिन 2019 में शुरू हुई आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप में उन्हें अभी तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है। हालांकि, ‘बड़ी सफलता नहीं मिली’ कहना शायद सही न हो, क्योंकि वो दो बार (2021 में न्यूजीलैंड के खिलाफ और फिर 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ) चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच चुके हैं।
लेकिन दोनों ही फाइनल भारत हार गया और चैंपियन बनने से चूक गया। गंभीर के लिए सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी ये सुनिश्चित करना होगी कि भारत आखिरकार वो इकलौती ट्रॉफी जीत ले, जो अभी उनकी कैबिनेट में शामिल नहीं है।