रोहित शर्मा और विराट कोहली को 14 महीने में पहली बार T20 टीम में जगह देकर चयनकर्ताओं ने सुरक्षित रवैया अपनाया है लेकिन क्या उनका यह फैसला T20 वर्ल्ड कप में भारत को भारी पड़ेगा? इसका पता समय आने पर ही चलेगा।
पिछले दो T20 वर्ल्ड कप में खिताब जीतने में नाकाम रहने के बाद रोहित और कोहली ने अगर एक और मौका देने की इच्छा जताई तो इसके लिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता। लेकिन चयनकर्ताओं के मामले में ऐसा नहीं कहा जा सकता जिन्होंने नवंबर 2022 में सेमीफाइनल में इंग्लैंड से मिली हार के बाद कई नए खिलाड़ियों को टीम में चुना था।
रोहित और कोहली को अब अफगानिस्तान के खिलाफ 11 जनवरी से शुरू होने वाली तीन T20 मैच की श्रृंखला के लिए टीम में चुना गया है जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि यह दोनों दिग्गज अमेरिका और वेस्टइंडीज में जून में होने वाले वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का हिस्सा रहेंगे। इन दोनों दिग्गज खिलाड़ियों ने भारत को वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन क्या वे खेल के सबसे छोटे प्रारूप की जरूरत से सामंजस्य बिठा पाएंगे।
रोहित ने वनडे वर्ल्ड कप में शुरू से ही आक्रामक रवैया अपनाया था और अफगानिस्तान के खिलाफ मोहाली में शुरू होने वाली श्रृंखला में भी वह इसी अंदाज में खेल सकते हैं। दूसरी तरफ कोहली का खेल 50 ओवर के प्रारूप के अधिक अनुकूल है लेकिन उन्होंने जो 148 T20 मैच खेले हैं उनमें 137.96 की अच्छी स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं।
इसके विपरीत उनके साथी और वर्ल्ड के सर्वश्रेष्ठ T20 बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव का स्ट्राइक रेट 170 से अधिक है। यशस्वी जायसवाल और रुतुराज गायकवाड को जो भी मौके मिले हैं उनमें उन्होंने अपनी क्षमता दिखाई है लेकिन ICC की प्रतियोगिता में अनुभव का कोई विकल्प नहीं होता। सुनील गावस्कर और सौरव गांगुली ने भी इसको महत्व देते हुए रोहित और कोहली को T20 वर्ल्ड कप की टीम में शामिल करने की वकालत की थी।
भारत के पूर्व चयनकर्ता शरणदीप सिंह ने भी रोहित और कोहली को टीम में शामिल करने का फैसला सही करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘यह सही फैसला है। ICC की प्रतियोगिताओं में आपको ऐसे खिलाड़ी की जरूरत पड़ती है जो अच्छी तरह से दबाव झेल सके। उन दोनों ने वनडे वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन किया और वे अच्छी फॉर्म में हैं। लेकिन इसके कारण जायसवाल और गायकवाड़ के लिए टीम में जगह बनाना मुश्किल हो जाएगा।’’
रोहित और कोहली का चयन करके चयनकर्ताओं ने स्पष्ट कर दिया कि वे किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा को लगता है कि चयनकर्ताओं को दोनों खिलाड़ियों का चयन करना था और वह इनमें से किसी एक को बाहर नहीं रख सकते थे।
चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘‘ऐसा लग रहा था कि वह अगले T20 वर्ल्ड कप में नहीं खेलेंगे क्योंकि उन्होंने पिछले वर्ल्ड कप के बाद इस प्रारूप में कोई मैच नहीं खेला था। उन दोनों की स्थिति अभी एक जैसी है। अगर चयनकर्ता किसी एक को बाहर भी रखने के बारे में सोचते, तो तब भी वह ऐसा नहीं कर सकते थे। उन्हें इन दोनों का ही चयन करना था।’’