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अप्रत्यक्ष कर संग्रह में 12 प्रतिशत की तेजी

Last Updated- December 12, 2022 | 5:58 AM IST

वर्ष 2020-21 के दौरान देश में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 12 प्रतिशत बढ़कर 10.71 लाख करोड़ रुपये रहा। यह तेजी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में 8 प्रतिशत कमी के बाद भी दिखी है। इससे पिछले वर्ष अप्रत्यक्ष कर संग्रह 9.54 लाख करोड़ रुपये रहा था। विशेषज्ञों के अनुसार सीमा शुल्क और पेट्रोल एवं डीजल पर कर बढ़ाए जाने तथा दूसरी छमाही में खपत में कुछ तेजी आने के कारण अप्रत्यक्ष कर संग्रह के आंकड़े मजबूत रहे हैं। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी शुरुआती आंकड़ों के अनुसार कर संग्रह 9.89 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से 8.2 प्रतिशत अधिक रहा। कर के कुछ मामले अटके होने की वजह से आंकड़े बाद में बदल सकते हैं। अप्रत्यक्ष कर संग्रह में तेजी आने के कारण वित्त वर्ष 2021 में कुल कर संग्रह 20.16 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष के 20.05 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से कुछ अधिक रहा। दिलचस्प है कि प्रत्यक्ष कर संग्रह में 10 प्रतिशत कमी के बाद भी कुल कर संग्रह अधिक रहा है।
अप्रत्यक्ष कर में जीएसटी, उत्पाद शुल्क एवं सीमा शुल्क आते हैं। वित्त वर्ष 2021 में सीमा शुल्क के रूप में 1.32 लाख करोड़ रुपये वसूले गए, जो उससे पिछले वित्त वर्ष के 1.09 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 21 प्रतिशत अधिक रहे। केंद्रीय उत्पाद शुल्क एवं सेवा कर (बकाये) से होने वाला संग्रह भी आलोच्य अवधि के दौरान 58 प्रतिशत बढ़कर 3.91 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
अप्रत्यक्ष कर संग्रह के आंकड़ों पर इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘पेट्रोल एवं डीजल पर कर बढ़ाए जाने और दूसरी छमाही में खपत बढऩे के कारण महामारी से जूझ चुके कठिन वित्त वर्ष में भी अप्रत्यक्ष कर में तेजी रही है।’ पेट्रोलियम उत्पादों पर करों से वित्त वर्ष 2020-21 के पहले नौ महीनों में केंद्र को 2.63 लाख करोड़ रुपये मिले।

First Published - April 13, 2021 | 11:11 PM IST

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