अप्रैल से नवंबर तक की अवधि के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं के निर्यात में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 24 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। यह देश की प्रमुख 10 निर्यात श्रेणियों में सबसे अधिक इजाफा है।
इस इजाफे को उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत मोबाइल निर्यात से बढ़ावा मिला है और इसने इलेक्ट्रॉनिक्स श्रेणी को प्रमुख 10 की सूची में छठे से पांचवें स्थान पर पहुंचा दिया है।
20 करोड़ डॉलर के अंतर की वजह से इलेक्ट्रॉनिक्स श्रेणी चौथे स्थान से चूक गई है। वर्तमान में यह स्थान 17.9 अरब डॉलर के साथ दवा और फार्मास्युटिकल श्रेणी के पास है।
यह अंतर साल 2022 में 1.3 अरब डॉलर के पहले के आंकड़े से काफी कम हो गया है। (दवा और फार्म क्षेत्र में पिछले साल की तुलना में चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीने के दौरान आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई है)।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार नवंबर के आखिर में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 17.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 14.4 अरब डॉलर था।
शीर्ष 10 निर्यात श्रेणियों में से सात में पहले आठ महीने दौरान गिरावट दर्ज की गई है। केवल तीन श्रेणियां – इलेक्ट्रॉनिक्स, दवा और फार्मास्युटिकल तथा सूती धागा/कपड़ा/मेड-अप (6 प्रतिशत का इजाफा) धनात्मक रहीं।
इंडियन सेल्युलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के अनुसार मोबाइल न केवल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में सबसे बड़ी एकल उत्पाद श्रेणी है, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में 3.3 अरब डॉलर की वृद्धि में उनका योगदान लगभग 90 प्रतिशत है।
साल 2021 में स्मार्टफोन पीएलआई योजना की शुरुआत के बाद से मोबाइल निर्यात में अच्छा-खासा विस्तार हुआ है। ऐपल ने पहले दो वर्षों – वित्त वर्ष 2021 से 2023 के दौरान 10 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के आईफोन का निर्माण किया था। इनमें तकरीबन दो-तिहाई आईफोन भारत से निर्यात किए गए थे।
इस संबंध में जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में भी आईफोन का उत्पादन 10 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है और पिछले साल के रुझानों के बाद आईफोन का निर्यात सात अरब डॉलर के दायरे में रहने की संभावना है।
सैमसंग भारत में एक दशक से भी अधिक समय से परिचालन कर रही है। इसने भी कुछ भारतीय कंपनियों के साथ पीएलआई योजना के तहत मोबाइल निर्यात शुरू कर दिया है, जो अपेक्षाकृत कम संख्या में स्मार्टफोन निर्यात कर रही हैं।
संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अनुमान जताया था कि वित्त वर्ष 2024 में मोबाइल उत्पादन 50 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा, जिसमें से 15 अरब डॉलर का निर्यात होगा। उन्होंने यह अनुमान भी जताया है कि अगले एक या दो साल में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात बढ़कर शीर्ष दो या तीन पायदान पर पहुंच जाएगा।