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जीएसटी क्षतिपूर्ति पर बनेगी सहमति!

Last Updated- December 14, 2022 | 11:07 PM IST

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजे में कमी की भरपाई पर केंद्र द्वारा सुझाए गए दोनों विकल्प खारिज करने के बाद विपक्ष शासित कुछ प्रमुख राज्य एक तीसरे विकल्प पर तैयार हो सकते हैं। सोमवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की प्रस्तावित बैठक में ये राज्य दो शर्तों के साथ एक तीसरे विकल्प पर सहमति बनाने की कोशिश करेंगे। इन राज्यों का कहना है कि वे इन दोनों शर्तों पर कोई समझौता नहीं करेंगे। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी दल शासित राज्य, जिन्होंने केंद्र द्वारा सुझाए विकल्पों में किसी एक का चयन किया है, उधारी प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग कर सकते हैं। इससे विपक्षी दल और केंद्र में सत्ताधारी दल एवं उसके सहयोगी दलों द्वारा शासित राज्यों में मतभेद की खाई और चौड़ी हो गई है।
इस बीच, केंद्र मुआवजा उपकर की अवधि जून 2020 के बाद भी दो वर्षों के लिए बढ़ा सकता है। केंद्र उधारी के पहले विकल्प में संशोधन का प्रस्ताव भी दे सकता है। इसके तहत राज्यों द्वारा ब्याज मुक्त उधारी की सीमा करीब 97,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.1 लाख करोड़ रुपये की जा सकती है। केंद्र द्वारा सुझाए विकल्पों का विरोध कर रहे राज्य दो अपनी दो प्रमुख शर्तों को लेकर आम सहमति की मांग करेंगे। यह तीसरा विकल्प हो सकता है। पहली शर्त के तहत कोविड-19 और जीएसटी क्रियान्वयन के कारण राज्यों के राजस्व संग्रह में आई कमी दो भागों में विभाजित नहीं की जाएगी। दूसरी शर्त के तहत मुआवजे को राज्यों की सामान्य उधारी या अतिरिक्त उधारी सीमाओं से नहीं जोड़ा जाएगा।
केरल के वित्त मंत्री थॉमस आइजक ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि दो इन दोनों सिद्धांतों के  आधार पर अन्य चीजों पर सहमति बन सकती है। इनमें यह पहलू भी शामिल होगा कि कौन उधार लेगा और तत्काल कितनी उधारी की जरूरत है। आइजक ने कहा, ‘केंद्र को यह बात अवश्य माननी चाहिए कि राज्यों की सामान्य या अतिरिक्त उधारी सीमा पर बिना कोई बोझ डाले घाटे की भरपाई की जानी चाहिए। अगर केंद्र इन दोनों शर्तों पर सहमत हो जाता है तो फिर हम तय करेंगे कि केंद्र या राज्य में कैसे और कौन उधार लेगा और किस अनुपात में लेगा।’
हैंड सैनिटाइजर पर नहीं घटेगा जीएसटी
ऐसी खबरें हैं कि फिटमेंट समिति ने आयुर्वेद और यूनानी पद्धति आधारिततत्वों से तैयार हैंड सैनिटाइजर पर जीएसटी दर 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने का प्रस्ताव खारिज कर दिया है। हालांकि सोमवार को इस मुद्दे पर जीएसटी परिषद की बैठक में समीक्षा हो सकती है। परिषद उपग्रह प्रक्षेपण को जीएसटी से बाहर रखने के विषय पर भी विचार करेगा। आगे चलकर जीएसटी संग्रह में कमी का अनुमान लगाने के लिए एक समिति भी गठित कर सकती है।

First Published - October 4, 2020 | 10:52 PM IST

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