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बेरोजगारी झेल रहे हैं कोविड में नौकरी गंवाने वाले तमाम लोग

Last Updated- December 12, 2022 | 9:10 AM IST

कोविड-19 के कारण नौकरियां गंवाने वाले तमाम लोग लॉकडाउन खत्म होने के बाद काम पर लौटे हैं, लेकिन रोजगार का स्तर अभी कोविड के पहले की तुलना में नीचे है। अजीम प्रेमजी युनिवर्सिटी के सहयोग से 6 नागरिक समाज संगठनों द्वारा महामारी का लोगों की जीविका पर पड़े असर के अध्ययन से यह जानकारी सामने आई है।
आज जारी दूसरे दौर के अध्ययन की शुरुआती जानकारी के मुताबिक फरवरी 2020 में काम कर रहे जिन लोगों ने अप्रैल-मई के लॉकडाउन में नौकरियां गंवाई थी, उनमें से दो तिहाई (69 प्रतिशत) से ज्यादा लोगों को काम मिल गया है, लेकिन लॉकडाउन के 6 महीने बाद (सितंबर-नवंबर) में भी अभी स्थिति सामान्य नहीं हुई है। वहीं अक्टूबर से दिसंबर 2020 में कराए गए सर्वे के मुताबिक करीब 20 प्रतिशत लोगों को काम नहीं मिला है।
पहले दौर का सर्वे अप्रैल-मई 2020 में कराया गया था और इसमें 5,000 लोगों ने अपनी राय दी थी जिनमें से ज्यादातर अनौपचारिक काम करने वाले और हाशिये पर रहने वाले लोग थे।
दूसरे दौर के सर्वे में करीब 2,778 लोग ऐसे थे, जिनसे पहले दौर में भी सवाल पूछे गए थे, जिससे कि आर्थिक रिकवरी की स्थिति को समझा जा सके। यह सर्वे 12 राज्यों में कराया गया है।
दूसरे दौर का सर्वे अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर महीने में हुआ, जिसकी शुरुआती जानकारी आज साझा की गई है। इस सर्वे में स्वरोजगार करने वाले, कैजुअल और नियमित कर्मचारी और वेतन भोगी कर्मचारी शामिल हुए, जो ज्यादातर असंगठित क्षेत्र के थे।
इस सर्वे से यह भी पता चलता है कि अगर आर्थिक रिकवरी को देखें तो महिला कामगारों पर पुरुषों की तुलना में ज्यादा बुरा असर पड़ा है। साथ ही तेजी से जिंदगी पटरी पर आने के बावजूद शहरी इलाकों में स्थिति ज्यादा खराब है।

First Published - January 27, 2021 | 11:47 PM IST

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