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अप्रैल-मई का राजकोषीय घाटा 2.04 लाख करोड़ रुपये

Last Updated- December 11, 2022 | 5:53 PM IST

वित्त वर्ष 2023 के पहले दो महीनों (अप्रैल-मई) में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा 2.04 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो 16.6 लाख करोड़ रुपये घाटे के बजट अनुमान का 12.3 प्रतिशत है। पिछले साल की समान अवधि के दौरान यह बजट अनुमान का 8.2 प्रतिशत था। प्राथमिक रूप से कम गैर कर राजस्व व ज्यादा पूंजीगत व्यय के कारण ऐसा हुआ है।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीजीए) द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल मई में शुद्ध कर राजस्व 3.07 लाख करोड़ रुपये या वित्त वर्ष 23 के बजट अनुमान 19.35 लाख करोड़ रुपये का 15.9 प्रतिशत रहा है। वित्त वर्ष 2022 के अप्रैल-मई में शुद्ध कर राजस्व पूरे साल के लक्ष्य का 15.2 प्रतिशत था। ऐसा प्राथमिक रूप से इसलिए हुआ था क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक ने मार्च 2022 में समाप्त हुए वित्त वर्ष में लाभांश के रूप में 30,307 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए, जो उम्मीद से बहुत कम था।

पिछले साल रिजर्व बैंक ने 99,122 करोड़ रुपये राजस्व का हस्तांतरण किया था। इक्रा लिमिटेड में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा,  ‘केंद्र सरकार का गैर कर राजस्व संग्रह प्रभावित हुआ, क्योंकि रिजर्व बैंक ने कम राजस्व अधिशेष का हस्तांतरण किया है।’

वित्त वर्ष 23 के अप्रैल मई के दौरान राजस्व व्यय 4.79 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो वित्त वर्ष 23 के 31.9 लाख करोड़ रुपये लक्ष्य का 15 प्रतिशत है। इसकी तुलना में पिछले साल की समान अवधि में पूरे साले के राजस्व व्यय लक्ष्य का 14.2 प्रतिशत खर्च हुआ था। पहले दो महीने के दौरान पूंजीगत व्यय 1.07 लाख करोड़ रुपये या वित्त वर्ष 23 के 7.5 लाख करोड़ रुपये बजट अनुमान का 14.3 प्रतिशत रहा है। वहीं वित्त वर्ष 22  पहले दो महीनों में पूंजीगत व्यय पूरे साल के लक्ष्य का 11.4 प्रतिशत था।
बहरहाल मई महीने में पूंजीगत व्यय अप्रैल की तुलना में बहुत कम था। नायर ने कहा, ‘मई में पूंजीगत व्यय घटकर 28.149 करोड़ रुपये रह गया, जो अप्रैल 2022 में 78,925 करोड़ रुपये था जबकि उच्च स्तर पर सालाना विस्तार बरकरार रखा गया है।’ इंडिया रेटिंग्स में प्रधान अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा, ‘हमारा मानना है कि उच्च महंगाई दर और उच्च नॉमिनल जीडीपी की वजह से केंद्र सरकार को वित्त वर्ष 23 में कर संग्रह का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी।’ सिन्हा ने कहा कि पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती से केंद्र के उत्पाद शुल्क संग्रह पर असर पड़ेगा, लेकिन अन्य राजस्व में तेजी से इसकी भरपाई हो जाएगी।

First Published - July 1, 2022 | 12:43 AM IST

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