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परिसंपत्ति मुद्रीकरण लक्ष्य के पार

Last Updated- December 11, 2022 | 7:58 PM IST

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) कार्यक्रम के तहत 96,000 करोड़ रुपये मूल्य के लेनदेन पूरे कर इस साल के लिए निर्धारित लक्ष्य पार कर लिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 एनएमपी कार्यक्रम का पहला साल था, जिसके लिए सरकार ने 88,000 करोड़ रुपये के लेनदेन का लक्ष्य रखा था। लेकिन इस अवधि में 96,000 करोड़ रुपये मूल्य की परिसंपत्तियों के सौदे कर सरकार इस लक्ष्य से आगे निकल गई। अधिकारी के अनुसार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज नीति आयोग के मुख्य कार्याधिकारी अमिताभ कांत, वित्त सचिव और विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों के साथ बैठक की। इसमें राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन के क्रियान्वयन की प्रगति का जायजा लिया गया।
अधिकारी ने कहा कि सड़क, बिजली, कोयला एवं खनन क्षेत्र की परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण ने इस योजना के पहले साल का लक्ष्य पार करने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि हाल ही में समाप्त हुए वित्त वर्ष 2021-22 में संपन्न हुए लेनदेन का दीर्घकालिक निवेश प्रभाव करीब 9 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। अधिकारी ने बताया कि जिन क्षेत्रों या मंत्रालयों का संभावित मुद्रीकरण का लक्ष्य वित्त वर्ष 2022 में पूरा नहीं हो पाया है, उन्हें शीघ्रता से ऐसी परिसंपत्तियों की पहचान करने और नए वित्त वर्ष में लेनदेन पूरा करने तथा साल भर उस पर नजर रखने के लिए कहा गया है।
सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2022 में करीब 23,000 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों का मुद्रीकरण पूरा किया। बिजली मंत्रालय पिछले वित्त वर्ष में कुल 9,500 करोड़ रुपये की संपत्तियों का मुद्रकीरण पूरा करने में सफल रहा। उक्त अधिकारी ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए क्षेत्रवार लक्ष्य दिए गए हैं और इस दौरान 1.62 लाख करोड़ रुपये के संपत्ति मुद्रीकरण का समग्र लक्ष्य रखा गया है।
वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार वित्त मंत्री ने सभी मंत्रालयों से कहा है कि राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन कार्यक्रम के तहत आने वाले साल में तय लक्ष्य पूरा करना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास और देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिहाज से यह बहुत महत्त्वपूर्ण है। वित्त मंत्री ने अगस्त, 2021 में इस कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा था कि अगले चार वर्षों में राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन कार्यक्रम के तहत विभिन्न क्षेत्रों की ढांचागत परिसंपत्तियों की बिक्री से 6 लाख करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। नीति आयोग ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र से जुड़े मंत्रालयों के साथ परामर्श कर एनएमपी पर रिपोर्ट तैयार की थी। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, रेलवे, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, कोयला, खेल, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालयों के सचिव भी इस समीक्षा बैठक में मौजूद थे।

First Published - April 12, 2022 | 10:54 PM IST

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