कच्चे तेल की कीमतें भले ही इस समय लुढ़क रही हों, पर सरकार देश में 100 से अधिक स्थानों पर तेल और गैस की खोज के लिए देश विदेश की कंपनियों को आमंत्रित करने का टेंडर आगामी फरवरी तक जारी करने की तैयारी में है।
यह इस क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा टेंडर होने जा रहा है। पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने बताया कि नई खोज एवं लाइसेंसिंग नीति (नेल्प) के तहत लाइसेंस के लिए निविदाओं का आठवां चक्र (नेल्प 8) 2009 की पहली तिमाही में शुरू करने का प्रयास चल रहा है।
देवड़ा ने नेल्प-7 की निविदाओ में सफल कंपनियों के साथ 44 तेल खंडों के संबंध में अनुबंध पर हस्ताक्षर के अवसर पर इस बारे में बताया। पेट्रोलियम सचिव आर. एस. पांडे ने स्पष्ट रूप से कहा कि निविदाएं फरवरी तक जारी की जा सकती हैं।
हाइड्रोकार्बन महानिदेशक वी. के. सिब्बल ने कहा कि नेल्प-8 में चार लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में खोज और निकासी के ठेके दिए जाने की योजना है।
यह क्षेत्र 100 से अधिक प्रखंडों में बांटा गया है। नेल्प-7 कुल डेढ़ लाख वर्ग किलो मीटर क्षेत्र के लिए था। सात दौर की बोलियों में कुल 206 प्रखंडों के ठेके दिए जा चुके हैं।
देवड़ा ने कहा कि नेल्प 8 के साथ ही कोयला खानों से कोल बेड मीथेन (सीबीएम) निकालने के लिए चौथे दौर की निविदाएं भी जारी की जाएंगी।
नेल्प के तहत अब तक 19खंडों में 64 कुओं में गैस अथवा तेल के भंडार मिले हैं। इनमें 50 करोड़ टन तेल या उसके बराबर गैस मिलने का अनुमान है।
इसमें सबसे बड़ी उपलब्धि रिलायंस इंडस्ट्रीज की है, जिसने केजी बेसिन के खंड डी-6 में भारी मात्रा में गैस मिलने की घोषणा की है। कंपनी के अनुसार, वहां से 2012 तक प्रतिदिन 16 करोड़ घनमीटर गैस की निकासी हो सकती है।
ऑयल इंडिया ने आईपीओ टाला
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल इंडिया लिमिटेड ने शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव को देखते हुए आईपीओ लाने की योजना को अगले वित्त वर्ष तक के लिए टाल दिया है।
कंपनी के निदेशक (वित्त) एस. अनंत कुमार ने कहा कि मौजूदा हालात आईपीओ के लिए ठीक नहीं है।
तेल एवं गैस की खोज करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी ऑयल इंडिया को 2.64 करोड़ इक्विटी शेयरों वाला अपना आईपीओ 10 नवंबर को पेश करना था।