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बॉन्ड प्रतिफल बढ़ा, रुपया 76 के पार

Last Updated- December 11, 2022 | 7:57 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक नीतिगत समीक्षा की घोषणा करते हुए पिछले शुक्रवार को कहा था कि उसका ध्यान समावेशी रुख वापस लेने पर होगा, उसके बाद बॉन्ड प्रतिफल में वृद्धि जारी है।
मंगलवार को 10 साल के बेंचमार्क सरकारी बॉन्ड का प्रतिफल 5 आधार अंक बढ़ा और यह 7.19 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो 3 साल के उच्च स्तर के निकट है। मार्च के उपभोक्ता मूल्य पर आधारित महंगाई दर के आंकड़े आने के पहले प्रतिफल बढ़ा है, जिसमें महंगाई 6 प्रतिशत से ऊपर बनी रहने की उम्मीद है। मौद्रिक नीति की समीक्षा की घोषणा के बाद पिछले 3 कारोबारी सत्र के दौरान 10 साल के बॉन्ड का प्रतिफल 28 आधार अंक बढ़ा है।  
बाजार के घंटों के बाद सरकार की ओर से जारी खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च में महंगाई दर 6.95 प्रतिशत रही है, जो 17 माह का उच्च स्तर है। सीपीआई महंगाई फरवरी मेंं 6.07 प्रतिशत और जनवरी में 6.01 प्रतिशत थी।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में खाद्य की कीमतों की हिस्सेदारी करीब आधी होती है, जो मार्च में पिछले साल की तुलना में 7.68 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि एक महीने पहले यह 5.85 प्रतिशत थी।
रिजर्व बैंक की नीतियों पर असर डालने वाली खुदरा महंगाई जनवरी-मार्च तिमाही में औसतन 6 प्रतिशत से ऊपर रही है। केंद्रीय बैंक ने महंगाई दर 4 प्रतिशत रखने का लक्ष्य रखा है, जिसमें दर 2 प्रतिशत ऊपर-नीचे हो सकती है। अगर 3 तिमाहियों तक महंगाई दर की सीमा टूटती है तो रिजर्व बैंक की कानून निर्माताओं के प्रति जवाबदेही बनती है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि महंगाई की चिंता 6 सदस्यों वाली मौद्रिक नीति समिति को जून की पॉलिसी में रीपो दर में बढ़ोतरी शुरू करने को प्रेरित कर सकती है।
बार्कलेज में भारत के मुख्य अर्थशास्त्री राहुल बाजोरिया ने कहा, ‘खाद्य, लॉजिस्टिक्स और ऊर्जा की कीमत बढऩे से सीपीआई महंगाई रिजर्व बैंक की लक्ष्य सीमा को तोड़ रही है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए हम सीपीआई के 5.8 प्रतिशत के अनुमान को बदल रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि रिजर्व बैंक दरों मेंं 25 आधार अंक की बढ़ोतरी करेगा, जिसकी शुरुआत जून की एमपीसी की बैठक से होगी।’ उन्होंने कहा कि अप्रैल में सीपीआई महंगाई दर 7.1 प्रतिशत के करीब रह सकती है। बाजोरिया ने कहा कि वित्त वर्ष 21-22 के लिए महंगाई दर 5.5 प्रतिशत है और रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 22-23 में यह बढ़कर 5.7 प्रतिशत रहेगी।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में महंगाई के आंकड़े 7.5 प्रतिशत पर पहुंच सकते हैं, ऐसे में बॉन्ड प्रतिफल में आगे और तेजी आ सकती है।
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘मार्च 2022 में सीपीआई महंगाई दर बढऩे के साथ हम उम्मीद करते हैं कि 10 साल के जी-सेक का प्रतिफल 7.2 प्रतिशत पार कर जाएगा। शुरुआती बॉन्ड सूचकांक शामिल किए जाने की उम्मीद धूमिल होने के साथ 10 साल के जी-सेक का प्रतिफल वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में 7.5 प्रतिशत पर पहुंच सकता है।’  
बहरहाल मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया और कमजोर हो गया। डॉलर के मुकाबले रुपया 76 के आंकड़े को पार करते हुए कारोबार की समाप्ति पर 76.14 पर बंद हुआ, जबकि इसके पहले 75.96 पर बंद हुआ था। आईएफए ग्लोबल रिसर्च ने एक नोट में कहा है कि यूएसडीआईएनआर ने घरेलू इक्विटी की बिकवाली पर नजर रखी और वैश्विक जोखिम से बचने की कवायद में यह डर बढ़ा है कि मार्च में महंगाई दर उम्मीद के ऊपरी स्तर पर रहती है तो फेड आक्रामक रूप से दरों में बढ़ोतरी कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि निवेशक सावधानी बरत रहे हैं कि कीमत का दबाव बढ़ा हुआ बना रहेगा, क्योंकि यूक्रेन युद्ध और चीन के लॉकडाउन से आवश्यक ङ्क्षजसों की आवाजाही में व्यवधान हो रहा है। 

First Published - April 12, 2022 | 11:13 PM IST

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