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Budget 2024: स्टील कंपनियों की बजट से उम्मीदें, बुनियादी ढांचे, विनिर्माण व निष्पक्ष व्यापार पर हो ध्यान

क्रिसिल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अनंतिम आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 में स्टील की खपत 13.6 प्रतिशत बढ़कर 13.6 करोड़ टन पहुंच गई है।

Last Updated- July 09, 2024 | 9:43 PM IST
स्टील कंपनियों की बजट से उम्मीद, बुनियादी ढांचे, विनिर्माण व निष्पक्ष व्यापार पर हो ध्यान, Steel Inc wants fair trade, and focus on infra, manufacturing

Budget 2024: भारत की प्रमुख स्टील कंपनियां उम्मीद कर रही हैं कि आगामी बजट में पूंजीगत व्यय को जारी रखा जाएगा और सरकार बुनियादी ढांचे के विकास, विनिर्माण व निष्पक्ष व्यापार पर ध्यान केंद्रित करेगी। बुनियादी ढांचा क्षेत्र में सबसे ज्यादा स्टील का इस्तेमाल होता है और भारत सरकार द्वारा इस पर ध्यान दिए जाने से खपत बढ़ेगी, भले ही अंतरराष्ट्रीय बाजारों में स्टील क्षेत्र का प्रदर्शन सुस्त है।

क्रिसिल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अनंतिम आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 में स्टील की खपत 13.6 प्रतिशत बढ़कर 13.6 करोड़ टन पहुंच गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तैयार स्टील उत्पादन की मजबूत मांग रही है और इसका उत्पादन 12.7 प्रतिशत बढ़कर 13.9 करोड़ टन पर पहुंच गया है। टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी टीवी नरेंद्रन ने उम्मीद जताई कि सरकार बुनियादी ढांचे में निवेश जारी रखेगी और लागत और कारोबार सुगमता के मसलों का समाधान करेगी।

जेएसडब्ल्यू स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक जयंत आचार्य ने कहा कि बुनिदायी ढांचे पर पूंजीगत व्यय सीधे तौर पर देश के आर्थिक उत्पादन पर असर डालता है। उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि सरकार बुनियादी ढांचे पर होने वाले खर्च पर ध्यान केंद्रित रखेगी।’उन्होंने कहा कि आपूर्ति बढ़ गई है, ऐसे में खपत में सुधार के लिए उठाए गए कदम स्वागतयोग्य होंगे।

आर्सेलरमित्तल निप्पन स्टील इंडिया (एएम/एनएस इंडिया) के सेल्स और मार्केटिंग के वाइस प्रेसीडेंट और डायरेक्टर राजन धर ने कहा कि बुनियादी ढांचे पर खर्च दोगुना करने के अलावा हमें विनिर्माण को भी व्यापक पैमाने पर बढ़ावा देने की जरूरत है। जेएसडब्ल्यू स्टील के आचार्य ने देश में विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए रियायती 15 प्रतिशत आयकर की दर की अवधि और बढ़ाने की अपील की है।

साथ ही उन्होंने मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं के तहत लाभों को सहजता से देने की मांग की है। सरकार ने वित्त वर्ष 2031 तक स्टील उत्पादन की क्षमता बढ़ाकर 30 करोड़ टन करने का लक्ष्य रखा है और कंपनियां इसके मुताबिक विस्तार योजना बना रही हैं। लेकिन आयात बढ़ने से कीमत पर असर पड़ रहा है।

धर ने कहा, ‘भारत के स्टील विनिर्माता बड़े पैमाने पर पूंजीगत व्यय कर रहे हैं। अगर मुनाफा घटता है तो निवेशक और बैंकर निवेश घटा देंगे, इसकी वजह से पूंजीगत व्यय में देरी होगी।’ उन्होंने कहा कि स्टील पर बुनियादी सीमा शुल्क 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत किया जाना चाहिए।

जेएसडब्ल्यू स्टील के आचार्य ने भी यह दोहराते हुए कहा, ‘भारत को उचित व्यापारिक कदम उठाने की जरूरत है, जिससे बाहरी उतार चढ़ाव के असर को कम किया जा सके।’

वित्त वर्ष 2024 में भारत शुद्ध आयातक बन गया। क्रिसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 में कुल मिलाकर व्यापार घाटा 11 लाख टन था और वित्त वर्ष 2017 से शुद्ध निर्यातक होने का दर्जा बदल चुका है। स्टील उत्पादकों के शीर्ष संगठन इंडियन स्टील एसोसिएशन के मुताबिक कामकाज करने के लिए समान अवसर होना चाहिए।

एसोसिएशन के सेक्रेटरी जनरल आलोक सहाय ने कहा, ‘भारत-आसियान मुक्त व्यापार समझौते के तहत वियतनाम के रास्ते चीन से आने वाले प्रीडेटरी स्टील आयात पर अंकुश लगाना चाहिए।’

First Published - July 9, 2024 | 9:43 PM IST

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