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Budget 2024: क्या टैक्स का बोझ होगा कम? ऑनलाइन गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स इंडस्ट्री की बजट से आस…

Budget 2024 : जुलाई में, वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत टैक्स लगाने का फैसला किया।

Last Updated- January 23, 2024 | 4:22 PM IST
क्या टैक्स का बोझ होगा कम? ऑनलाइन गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स इंडस्ट्री की बजट से आस…, Budget 2024: What do the online gaming and esports industries expect?

Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। आगामी अंतरिम बजट से ऑनलाइन गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को काफी उम्मीदें हैं। ऑनलाइन गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स इंडस्ट्री चाहती है कि सरकार टैक्स नियमों में स्पष्टता लाएगी और इस सेक्टर के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए समर्पित फंड आवंटित करेगी।

साल 2023 में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर टूटा टैक्स का पहाड़

साल 2023 ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा है। जुलाई में, वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत टैक्स लगाने का फैसला किया। स्किल गेमिंग प्लेटफॉर्म पहले प्लेटफॉर्म फीस पर 18 प्रतिशत GST का भुगतान करते थे, जिसे सकल गेमिंग राजस्व (GGR) के रूप में भी जाना जाता है।

मार्च में नए नियमों की होगी समीक्षा

नए नियम स्किल या चांस के खेल के बीच कोई अंतर नहीं करते हैं। काउंसिल ने ऑनलाइन मनी गेमिंग के विदेशी सप्लायर के लिए भी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया और नियमों का पालन न करने वाले ऐसे सप्लायर के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान किया, जिसमें उनकी वेबसाइटों को ब्लॉक करना भी शामिल है।

ऑनलाइन गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स इंडस्ट्री के लिए बनाए गए नए नियम 1 अक्टूबर, 2023 से लागू हुए। हालांकि, परिवर्तनों के प्रभाव की समीक्षा इस वर्ष मार्च में की जाएगी।

ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को प्रोग्रेसिव टैक्स रिजीम अपनाने की जरूरत

गेमज़ॉप के को-फाउंडर गौरव अग्रवाल ने कहा कि इस सेक्टर को समर्थन की बहुत अधिक आवश्यकता है। मोबाइल प्रीमियल लीग (MPL) के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर नम्रता स्वामी ने कहा कि टैक्स में स्पष्टता के साथ-साथ इस सेक्टर में एक प्रोग्रेसिव टैक्स सिस्टम अपनाने की भी जरूरत है।

उन्होंने कहा, “विकास के अगले चरण को आगे बढ़ाने के लिए यह स्पष्टता महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल व्यवसायों के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करेगी बल्कि ऑनलाइन गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स सेक्टर में निवेशकों का विश्वास भी पुनर्जीवित करेगी।”

उन्होंने आगे कहा, “एक प्रोग्रेसिव टैक्स रिजीम निवेश को और अधिक प्रोत्साहित करेगी, जिससे हमारे प्रतिभाशाली युवाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे।”

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अग्रवाल ने कहा, “यह भारत के लिए कंटेंट के सबसे बड़े उपभोक्ता से कंटेंट के सबसे बड़े क्रिएटर्स बनने का समय है।

इसके अलावा, नम्रता ने कहा कि उद्योग को यह भी उम्मीद है कि बजट गेमिंग में समर्पित पाठ्यक्रमों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करेगा। वह कहती है, “ये पाठ्यक्रम गेम डेवलपर्स और पेशेवरों की अगली पीढ़ी के पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिससे उद्योग के विकास को बढ़ावा देने के लिए कुशल प्रतिभा की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित होगी।”

ईस्पोर्ट्स कंपनियों और फेडरेशन को बजट से समर्पित फंड आवंटन की उम्मीद

दूसरी तरफ, ईस्पोर्ट्स कंपनियों और फेडरेशन ने कहा कि वे इस सेक्टर के लिए एक समर्पित फंड आवंटन की उम्मीद करते हैं क्योंकि एशियन गेम्स 2022 में ऑफिशियल मेडल स्पोर्ट के रूप में शामिल होने के बाद इसमें बढ़ने की क्षमता है।

ईस्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के निदेशक और एशियन ईस्पोर्ट्स फेडरेशन के उपाध्यक्ष लोकेश सूजी ने कहा, “उद्योग के विकास के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे की स्थापना और ईस्पोर्ट्स इकोसिस्टम का पोषण करने के लिए हम उम्मीद करते है कि सरकार इस सेक्टर के लिए एक समर्पित फंड का आवंटन करेगी।”

ईस्पोर्ट्स पर टैक्स का बोझ कम करने की मांग

सूजी ने आगे कहा, “हमारे ईस्पोर्ट्स एथलीटों की लॉन्गटर्म सफलता सुनिश्चित करने और ईस्पोर्ट्स में करियर बनाने के लिए अधिक इच्छुक खिलाड़ियों को आकर्षित करने के लिए, हम ईस्पोर्ट्स टूर्नामेंट से जीत पर एथलीटों के लिए टैक्स राहत की भी उम्मीद करते हैं।”

सूजी की बात को आगे बढ़ाते हुए, गेमिंग मार्केटिंग एजेंसी अल्फा ज़ेगस के फाउंडर और डायरेक्टर, रोहित अग्रवाल ने कहा कि ईस्पोर्ट्स पर टैक्स 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “बजट 2024 से, मुझे जिन प्रमुख कदमों की उम्मीद है उनमें से एक है ‘ईस्पोर्ट्स’ आधारित गतिविधियों को 28 प्रतिशत स्लैब से घटाकर 18 प्रतिशत स्लैब में ले जाना।”

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उन्होंने आगे कहा कि ईस्पोर्ट्स इंडस्ट्री यह भी उम्मीद कर रही है कि सरकार अधिक राज्य सरकारों को ईस्पोर्ट्स के विकास और प्रचार के लिए बजट आवंटित करने के लिए प्रोत्साहित करे।

गेमिंग में समर्पित पाठ्यक्रमों की स्थापना की जरूरत

इससे पहले, बिहार सरकार ने घोषणा की थी कि वह स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में ईस्पोर्ट्स को शामिल करेगी। इसने राज्य में एक ओपन ईस्पोर्ट्स चैंपियनशिप भी आयोजित की। विशेषज्ञों ने कहा कि सभी राज्यों को धन आवंटित किया जाना चाहिए ताकि वे इसी तरह के टूर्नामेंट आयोजित कर सकें।

बेंगलूरु स्थित ईस्पोर्ट्स कंपनी गॉड्स रीगन के सीईओ केआर रोहित ने कहा, “हम राज्य ईस्पोर्ट्स चैंपियनशिप के आयोजन और प्रचार के लिए प्रत्येक राज्य सरकार को धन के आवंटन का ईमानदारी से सुझाव देते हैं।” नम्रता के समान ही रोहित ने भी इस सेक्टर के लिए शैक्षिक कार्यक्रमों का सुझाव दिया।

First Published - January 23, 2024 | 4:22 PM IST

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