सरकार की ओर से डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मौजूदा सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करने जा रही है।
सरकार के इस कदम से देशभर में करीब 8 करोड़ घरों तक पहुंच बनाने वाला केबल उद्योग खासा नाराज है। उनके मुताबिक, केबल उद्योग में भी विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए।
सूत्रों का कहना है कि डीटीएच में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पास है, जबकि अगले कुछ दिनों में इसे कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विदेशी निवेश की सीमा में किसी तरह की बढ़ोतरी का निर्णय कैबिनेट से हरी झंडी मिलने के बाद ही हो सकता है।
मौजूदा समय में डीटीएच में 49 फीसदी विदेशी निवेश की अनुमति है, जिनमें से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (इसमें संस्थागत विदेशी निवेश भी शामिल है) 20 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता है। जबकि शेष निवेश व्यक्तिगत विदेशी निवेशक कर सकते हैं।
सरकार की योजना है कि डीटीएच में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाकर 74 फीसदी की जाए। इसके तहत प्र्रत्यक्ष विदेशी निवेश का हिस्सा 20 से बढ़ाकर 49 फीसदी किया जा सकता है।
हालांकि केबल उद्योग में भी विदेशी निवेश की सीमा 49 फीसदी है, लेकिन मंत्रालय की ओर से इसमें कोई फेर-बदल की योजना नहीं है।
सरकार के एक सूत्र ने बताया कि केबल उद्योगों में सुरक्षा कारणों से विदेशी निवेश की सीमा नहीं बढ़ाने की योजना है, क्योंकि इसकी पहुंच देश के करोड़ों घरों तक है।
मल्टी-सिस्टम ऑपरेटर एलायंस के अध्यक्ष अशोक मनसुखानी का कहना है कि सरकार के इस कदम से केबल को डिजिटल करने की योजना पर पानी फिर सकता है।
डीटीएच में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करने की योजना
केबल उद्योग ने भी निवेश सीमा बढ़ाने की मांग की