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केंद्र ने राज्यों को चुकाया जीएसटी का पूरा मुआवजा

Last Updated- December 11, 2022 | 6:33 PM IST

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए मुआवजे की व्यवस्था जून में खत्म होनी है। इसलिए केंद्र सरकार ने राज्यों की 86,912 करोड़ रुपये की समूची बकाया राशि का भुगतान पहले ही कर दिया है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि यह कदम राज्यों को उनके संसाधनों के प्रबंधन में मदद करने और यह सुनि​​श्चित करने के लिए उठाया गया है कि वित्त वर्ष के दौरान उनके कार्यक्रम खास तौर पर पूंजीगत व्यय सफलतापूर्वक चलते रहें। उपकर कोष में महज 25,000 करोड़ रुपये की राशि थी, जो काफी कम थी। फिर भी पूरा मुआवजा चुका दिया गया। मंत्रालय ने कहा कि शेष धनराशि का भुगतान केंद्र ने अपने संसाधनों से किया है।
राज्यों को जारी 86,912 करोड़ रुपये के मुआवजे में 47,617 करोड़ रुपये जनवरी तक के, 21,322 करोड़ रुपये फरवरी-मार्च के और 17,973 करोड़ रुपये अप्रैल-मई के थे।  
सरकार ने पहले ही साफ कर दिया था कि मुआवजे की अवधि जून की निर्धारित तारीख से आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। केंद्र ने कहा कि राज्यों को दिए जाने वाले जीएसटी मुआवजे में कमी की भरपाई के लिए उसने बाजार से वित्त वर्ष 2022 में 1.59 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021 में 1.1 लाख करोड़ रुपये उधार लेकर मुआवजा चुकाया। क्षतिपूर्ति उपकर 2026 तक जारी रहेगा, जिसका इस्तेमाल कर्ज चुकाने में किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने जुलाई 2017 में जीएसटी प्रणाली लागू होने के बाद जीएसटी राजस्व में सालाना 14 फीसदी वृद्धिका अनुमान लगाया था। राज्यों को राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए संसाधन जुटाने के मकसद से विलासिता के विभिन्न उत्पादों और कथित सिन गुड्स पर उपकर लगाया गया था। हालांकि महामारी के कारण आर्थिक सुधार बेपटरी हो गए, जिससे उपकर संग्रह पर असर पड़ा और उपकर कोष में कम रकम आई। मंत्रालय ने कहा कि राज्यों का संरक्षित राजस्व 14 फीसदी की चक्रवृद्धि दर से बढ़ रहा है मगर उपकर संग्रह में इस अनुपात में बढ़ोतरी नहीं हुई।  कोविड-19 ने उपकर संग्रह में कमी समेत संरक्षित राजस्व और वास्तविक राजस्व प्राप्ति के बीच अंतर बढ़ा दिया।

First Published - June 1, 2022 | 1:25 AM IST

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