कैलेंडर वर्ष 2021 की पहली तिमाही के दौरान भारत के पारंपरिक पर्सनल कंप्यूटर बाजार (डेस्कटॉप, नोटबुक और वर्कस्टेशन सहित) ने वृद्धि की राह पर लगातार आगे बढ़ते हुए सालाना आधार पर 73.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की। लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि पर्सनल कंप्यूटर उद्योग के लिए आगे की राह अनिश्चित दिख रही है।
दुनिया भर में पर्सनल कंप्यूटर बाजार पर नजर रखने वाली फर्म इंटरनैशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) ने कहा कि कैलेंडर वर्ष 2021 की पहली तिमाही के दौरान कुल 31 लाख पर्सनल कंप्यूटरों की शिपमेंट हुई जो भारत में किसी एक तिमाही कि दौरान शिपमेंट का अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। इसे मुख्य तौर पर नोटबुक से रफ्तार मिली जिसकी पर्सनल कंप्यूटर श्रेणी में तीन चौथाई से अधिक हिस्सेदारी है। तिमाही के दौरान नोटबुक के शिपमेंट में सालाना आधार पर 116.7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। जबकि डेस्कटॉप श्रेणी लगभग स्थिर बनी रही और उसमें सुधार के शुरुआती संकेत दिखे।
हालांकि जानकारों का कहना है कि पर्सनल कंप्यूटर उद्योग के लिए आगे की राह चुनौतीपूर्ण दिख रही है। आईडीसी इंडिया के सहायक अनुसंधान प्रबंधक (क्लाइंट डिवाइस) जयपाल सिंह ने कहा, ‘पर्सनल कंप्यूटर विक्रेताओं के लिए अगले कुछ महीने अनिश्चितता का दौर रहेगा क्योंकि नए लॉकडाउन से उपभोक्ता बिक्री प्रभावित हो रही है, सरकारी परियोजनाओं में देरी हो रही है और देश में सीमित आपूर्ति हो पा रही है।’
पहली तिमाही के दौरान पर्सनल कंप्यूटर की मांग में तेजी इसलिए दिखी क्योंकि एंटरप्राइज, एसएमबी और उपभोक्ता लगातार खरीदारी कर रहे थे। पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान आपूर्ति सीमित रही जबकि मांग लगातार बढ़ती गई।
आईडीसी इंडिया के बाजार विश्लेषक (पीसी डिवाइस) भारत शेनॉय ने कहा, ‘कई कंपनियां पूरी तरह रिमोट को अपना चुकी हैं अथवा देश में वैश्विक महामारी की चिंताओं के बीच काम करने के लिए वे हाइब्रिड मॉडल अपना रही हैं। कोविड संक्रमण के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है और इसे देखते हुए कई बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए बड़ी तादाद में पर्सनल कंप्यूटरों की खरीदारी की है।’
जिन ब्रांडों की बाजार हिस्सेदारी में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है उनमें एचपी शामिल है। एचपी कुल पीसी बाजार में डेल को पछाड़कर शीर्ष पायदान पर पहुंच गई। पहली तिमाही के दौरान एचपी के शिपमेंट में सालाना आधार पर 102.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
डेल टेक्नोलॉजिज 21.8 फीसदी हिस्सेदारी के साथ दूसरे पायदान पर रही और तिमाही के दौरान शिपमेंट में सालाना आधार पर 45.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की। लेनोवो तीसरे पायदान पर बरकरार रही और पहली तिमाही के दौरान उसने शिपमेंट में सालाना आधार पर 73.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की। लेनोवो को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन वह समय पर आवंटन करने में सफल रही जिससे उसे उपभोक्ता और एसएमबी दोनों श्रेणियों में दमदार वृद्धि दर्ज करने में मदद मिली।
ऐसर ग्रुप पहली तिमाही के दौरान 7.7 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ चौथे पायदान पर बरकरार रही। ऐपल संग करार के साथ आसुस पहली तिमाही के दौरान 5.4 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ पांचवे पायदान पर रही। तिमाही के दौरान उसके शिपमेंट में सालाना आधार पर 83.9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। ऐपल ने भारत में पीसी शिपमेंट के मोर्चे पर अपनी बेहतरीन तिमाही दर्ज की और आसुस के साथ मिलकर पांचवे पापयदान पर रही। तिमाही के दौरान उसके शिपमेंट में सालाना आधार पर 335.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।