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GDP के मुकाबले कमजोर पड़ी कंपनियों की ग्रोथ: क्यों घट रहा है कॉरपोरेट इंडिया का दबदबा?

वित्त वर्ष 2025 में भारत की जीडीपी तेजी से बढ़ी, लेकिन बीएस1000 कंपनियों की आय वृद्धि धीमी रही, जिससे कॉरपोरेट क्षेत्र का जीडीपी में योगदान लगातार घटता गया।

Last Updated- June 17, 2025 | 11:19 PM IST
GDP
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

वित्त वर्ष 2025 में लगातार दूसरे साल कंपनी जगत की आय में बढ़ोतरी की रफ्तार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि के मुकाबले काफी सुस्त रही है। इस दौरान बीएस1000 कंपनियों की संयुक्त आय में 6.4 फीसदी की वृद्धि हुई जो 9.8 फीसदी की नॉमिनल जीडीपी वृद्धि के मुकाबले करीब एक तिहाई कम है। इसी प्रकार वित्त वर्ष 2024 में इन कंपनियों की संयुक्त आय में 5.2 फीसदी का इजाफा हुआ था जबकि उस दौरान नॉमिनल जीडीपी में 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। इस सबसे उलट वित्त वर्ष 2022 और 2023 में नॉमिनल जीडीपी वृद्धि के मुकाबले कॉरपोरेट आय में बढ़त की रफ्तार तेज रही थी।

सूचीबद्ध कंपनी जगत का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहने से जीडीपी में उसका योगदान लगातार कम हुआ है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में बीएस1000 कंपनियों की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2025 में घटकर 40.3 फीसदी रह गई जो वित्त वर्ष 2022 में 44.2 फीसदी और वित्त वर्ष 2014 में 56.1 फीसदी थी। हालांकि मौजूदा हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2021 में दर्ज 36.5 फीसदी हिस्सेदारी के मुकाबले अधिक है। उस दौरान कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन से कंपनी जगत की गतिविधियों पर काफी असर पड़ा था।

हमारे नमूने में शामिल कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण सोमवार को 325 लाख करोड़ रुपये था जो उस दिन बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण का 72.3 फीसदी है।

देश के जीडीपी में कंपनी जगत के मुनाफे का योगदान भी घटा है। लेकिन यह विशेष रूप से वैश्विक महामारी के बाद की अवधि में कॉरपोरेट आय की हिस्सेदारी से बेहतर रहा है। वित्त वर्ष 2025 में बीएस1000 कंपनियों का संयुक्त शुद्ध लाभ भारत के नॉमिनल जीडीपी अनुपात का 3.2 फीसदी रह गया। यह वित्त वर्ष 2024 के अनुपात जैसा ही है। मगर कोविड के बाद की अव​धि यानी वित्त वर्ष 2022 में दर्ज 3.3 फीसदी के मुकाबले थोड़ा कम है। वित्त वर्ष 2020 में यह अनुपात 1.2 फीसदी के रिकॉर्ड निचले स्तर पर और वित्त वर्ष 2008 में 5.6 फीसदी के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर रहा था।

बीएस 1000 कंपनियों ने वित्त वर्ष 2025 में करीब 133.1 लाख करोड़ रुपये की एकीकृत आय दर्ज की जो एक साल पहले करीब 125.1 लाख करोड़ रुपये रही थी। इसके मुकाबले जीडीपी मौजूदा मूल्य पर वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर करीब 330.7 लाख करोड़ रुपये हो गया जो एक साल पहले 301.2 लाख करोड़ रुपये रहा था।

जीडीपी में दमदार वृद्धि के बावजूद शीर्ष सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा लगातार अपेक्षाकृत कमजोर वृद्धि दर्ज की गई है जो कोविड से पहले के दौर में वापसी का संकेत है। उस दौरान कंपनी जगत का प्रदर्शन जीडीपी वृद्धि के मुकाबले काफी कमजोर रहा था। बीएस1000 कंपनियों का एकीकृत आय में वित्त वर्ष 2014-19 के दौरान महज 4.6 फीसदी की चक्रवृद्धि वार्षिक दर (सीएजीआर) वृद्धि दर्ज की गई जो उस दौरान जीडीपी वृद्धि के मुकाबले आधे से भी कम है। वित्त वर्ष 2014-19 की अवधि में भारत के नॉमिनल जीडीपी में 11 फीसदी सीएजीआर के साथ वृद्धि हुई।

वित्त वर्ष 2020 के कोविड काल को छोड़ दिया जाए तो पिछले 11 वर्षों में भारत की जीडीपी वृद्धि लगभग ​स्थिर रही है। लेकिन इन सालों में कंपनियों के राजस्व वृद्धि में काफी उतार-चढ़ाव रहा है। उदाहरण के लिए वित्त वर्ष 2014 से वित्त वर्ष 2025 के बीच भारत की नॉमिनल जीडीपी वृद्धि 10.3 फीसदी चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ी। इसमें वित्त वर्ष 2014 से वित्त वर्ष 2019 की अव​धि में वृद्धि 11 फीसदी सीएजीआर के साथ हुई और वित्त वर्ष 2020-25 के बीच 10.5 फीसदी के साथ।   

इसके विपरीत वित्त वर्ष 2014 से 2025 के बीच बीएस1000 कंपनियों की संयुक्त आय में 7 फीसदी सीएजीआर के साथ वृद्धि हुई। अधिकांश वृद्धि वित्त वर्ष 2022 और 23 के दौरान दर्ज की गई। नतीजतन, वित्त वर्ष 2020-25 के बीच बीएस1000 कंपनियों की संयुक्त आय 11.7 फीसदी सीएजीआर के साथ बढ़ी जो वर्ष 2014-19 की अवधि में दर्ज 4.6 फीसदी सीएजीआर के मुकाबले दोगुनी से अधिक है।

इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक और सीईओ जी चोकालिंगम ने कहा, ‘सूचीबद्ध कंपनियों के कई प्रमुख क्षेत्र जैसे तेल एवं गैस, खनन और धातु, एफएमसीजी और आईटी सेवा आदि में निचले एक अंक में वृद्धि दिख रही है जबकि बीएफएसआई एवं कृषि क्षेत्र में वृद्धि की रफ्तार तेज है।’

वित्त वर्ष 2025 में कृषि क्षेत्र में 10.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई जबकि वित्तीय सेवा, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं जैसे क्षेत्रों मौजूदा कीमतों पर 10.2 फीसदी का इजाफा हुआ। एनएसओ के अनुसार वित्त वर्ष 2025 में 13.4 फीसदी की वृद्धि के साथ लोक प्रशासन और रक्षा सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र रहा।

बीएस1000 भारत की एक हजार सबसे बड़ी गैर-बीएफएसआई कंपनियों की वार्षिक सूची है। इसे अन्य आय सहित कुल वार्षिक आय के आधार पर तैयार किया जाता है। वित्त वर्ष 2025 की सूची अस्थायी है और उसे प्रकाशित होना अभी बाकी  है।

First Published - June 17, 2025 | 11:05 PM IST

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