facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

लक्ष्य का 68 प्रतिशत रहा CPSE का पूंजीगत व्यय

Last Updated- January 13, 2023 | 2:23 PM IST
Six steps to improve your credit or CIBIL score, check steps below

वित्त वर्ष 2023 के शुरुआती 9 महीनों में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा लक्ष्य वाले देश के बड़े केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) का पूंजीगत व्यय सालाना लक्ष्य का 68 प्रतिशत रहा है। इन उपक्रमों के पूंजीगत व्यय का सालाना लक्ष्य 6.62 लाख करोड़ रुपये था। एक साल पहले की समान अवधि में सीपीएसई ने पूरे साल के लक्ष्य का महज 63.29 प्रतिशत खर्च किया था। पेट्रोलियम सीपीएसई और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने सबसे ज्यादा खर्च किया है।

एनएचएआई का सालाना व्यय का लक्ष्य 1.34 लाख करोड़ रुपये रखा गया था और इसने 9 महीने में लक्ष्य का 90 प्रतिशत खर्च कर दिया है। वहीं इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने सालाना 28,549 करोड़ रुपये लक्ष्य का 95 प्रतिशत खर्च किया है। महामारी के बाद आईओसी की पाइपलाइन परियोजनाएं शुरू होने के कारण ऐसा हुआ है और कंपनी ने अपनी तेल शोधन क्षमता भी बढ़ाई है। गेल (इंडिया) ने सालाना 7,500 करोड़ रुपये लक्ष्य का 95 प्रतिशत खर्च किया है। प्राकृतिक गैस के पारेषण और वितरण के लिए यह खर्च हुआ है। वित्त वर्ष 22 में सीपीएसई ने 5.5 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय किया है और उसने 5.75 लाख करोड़ रुपये लक्ष्य का 96 प्रतिशत खर्च कर दिया है।

कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के सबसे बड़ी उत्पादक ओएनजीसी ने सालाना 29,950 करोड़ रुपये खर्च करने के बजट लक्ष्य का 64 प्रतिशत खर्च किया है। डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन आफ इंडिया (डीएफसीसीआईएल) को छोड़कर रेलवे बोर्ड और कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (केएमआरसीएल) ने अपने पूंजीगत व्यय के लक्ष्य 2.32 लाख करोड़ रुपये का 56 प्रतिशत खर्च किया है।

एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि पिछले 5 साल में सीपीएसई ने सालाना पूंजीगत व्यय के लक्ष्य का 96 से 97 प्रतिशत खर्च किया है। आने वाले बजट में किसी सीपीएसई के पूंजीगत व्यय का संशोधित अनुमान उसके द्वारा किए गए अब तक के खर्च के प्रदर्शन पर निर्भर होगा। अधिकारी ने कहा, ‘अपना लक्ष्य पूरा करने में विफल रहे सीपीएसई के पूंजीगत आवंटन में कटौती हो सकती है। इन सीपीएसई द्वारा पूंजीगत व्यय को गंभीरता से लिया जा रहा है क्योंकि इससे सरकार को प्रदर्शन के मूल्यांकन और प्रदर्शन से जुड़े भुगतान पर फैसला करने में मदद मिलती है।’

बिजली मंत्रालय के तहत आने वाले एनटीपीसी का सबसे ज्यादा 22,454 करोड़ रुपये बजट था, जिसने 9 महीने में 79 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है। सीपीएसई द्वारा किए गए पूंजीगत व्यय की रिपोर्ट हर महीने के अंत में प्रधानमंत्री कार्यालय के पास समीक्षा करने के लिए भेजी जाती है।
वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूंजीगत व्यय 35.4 प्रतिशत बढ़ाने के साथ 7.5 लाख करोड़ रुपये का व्यय आवंटन किया था, जिसमें राज्यों के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का व्याज रहित ऋण भी शामिल था। लेखा महानियंत्रक के हाल के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 23 के अप्रैल-नवंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक केंद्र सरकार अपने पूरे साल के पूंजीगत व्यय के लक्ष्य का सिर्फ 59.6 प्रतिशत खर्च कर सकी है।

 

First Published - January 13, 2023 | 1:55 PM IST

संबंधित पोस्ट