क्रिसिल के मुताबिक माइक्रोफाइनैंस, वाणिज्यिक वाहन, मार्गेज जैसे प्रतिभूति वाले खुदरा कर्ज का मासिक संग्रह अनुपात 50 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा है, जो अप्रैल 2020 में कई मदों में शून्य प्रतिशत के करीब पहुंच गया था।
माध्य मासिक संग्रह अनुपात समय पूर्व भुगतान को छोड़कर मॉरिटोरियम के पहले की मासिक बिलिंग के अनुपात का प्रतिशत है। माइक्रोफाइनैंस व वाणिज्यिक वाहनों से प्राप्तियों में लॉकडाउन के बाद सबसे तेज गिरावट आई थी, जो जून में 50 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया। क्रिसिल ने एक बयान में कहा है कि उम्मीद के मुताबिक मार्गेज प्राप्तियां, जिसमें प्रॉपर्टी कोलेटरल के रूप में होती है, में माध्य संग्रह अनुपात 70 प्रतिशत से ज्यादा है, जिसमें जुलाई में गिरावट आ गई थी।
क्रिसिल रेटिंग के सीनियर डायरेक्टर रोहित इनामदार ने कहा, ‘संग्रह अनुपात में साफ सुधार दिख रहा है, लेकिन अभी भी स्थिति कोविड-19 के पहले से स्तर पर पहुंचनी बाकी है।’ इनामदार ने कहा कि कम अवधि के हिसाब से देखें तो शुरुआती रिकवरी को देश के कई इलाकों में बाढ़ व स्थानीय लॉकडाउन के कारण जोखिम है।
क्रिसिल रेटिंग में सीनियर डायरेक्टर कृष्णन सीतारमण ने कहा कि जून से आर्थिक गतिविधियों में धीरे धीरे शुरुआत, उधारी लेने वालों के नकदी प्रवाह में सुधार की वजह से तमाम लोग मॉरेटोरियम से निकले हैं।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी से भी संग्रह को समर्थन मिला है। इसमें कहा गया है कि नई तकनीकी प्लेटफार्मों के इस्तेमाल से भी कुल मिलाकर संग्रह में सुधार हुआ है। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), जो ज्यादातर फील्ड कर्मचारियों से नकदी संग्रह पर निर्भर थीं, ने संग्रह के डिजिटल माध्यमों पर जोर बढ़ाया है।