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भारत के निर्यात को पश्चिम से ज्यादा एशिया-प्रशांत से खतरा: CRISIL

क्रिसिल ने कहा कि भारत के माल निर्यात में अमेरिका और यूरोपीय संघ की हिस्सेदारी 2021 से बढ़ रही है। जबकि APAC क्षेत्र की हिस्सेदारी घट रही है।

Last Updated- July 31, 2023 | 5:47 PM IST
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भारतीय निर्यात को पश्चिम में मंदी की तुलना में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में कमजोर मांग से ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। यह बात क्रिसिल की एक रिसर्च रिपोर्ट में कही गई है। रेटिंग एजेंसी ने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि, अप्रैल और मई के दौरान, संयुक्त राज्य अमेरिका, अफ्रीका, यूरोपीय संघ और खाड़ी क्षेत्र की तुलना में APAC क्षेत्र में भारतीय निर्यात में गिरावट सबसे तेज रही।

यह गिरावट एशिया-प्रशांत क्षेत्र ( APAC) में सबसे तेज थी, जहां निर्यात में 21.8% की गिरावट आई। संयुक्त राज्य अमेरिका और अफ्रीका क्रमशः 12.9% और 8.6% की गिरावट के साथ APAC के बाद दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। यूरोपीय संघ (EU) में निर्यात में गिरावट 6% रही। खाड़ी देशों में यह 3.4% रही।

अप्रैल और मई 2023 में भारत के निर्यात में 11.4% की गिरावट आई। APAC को निर्यात में सबसे ज्यादा 21.8% की गिरावट आई। संयुक्त राज्य अमेरिका और अफ्रीका क्रमशः 12.9% और 8.6% की गिरावट के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। यूरोपीय संघ और खाड़ी देशों के निर्यात में क्रमशः 6% और 3.4% की गिरावट आई।

भारत के निर्यात में लगातार पांच महीनों से गिरावट आ रही है

अप्रैल और मई में 75 में से 40 वस्तुओं के निर्यात में गिरावट आई। जून में निर्यात 22% गिरकर 32.9 अरब डॉलर रह गया। निर्यात में गिरावट का यह लगातार पांचवां महीना है। CRISIL का कहना है कि कम निर्यात और ज्यादा आयात के कारण APAC क्षेत्र के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा, चिंता की बात ये है कि APAC को किया जाने वाला भारत का निर्यात लड़खड़ा रहा है। वहीं APAC से आयात बढ़ रहा है। इससे इस क्षेत्र के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ गया है। जिससे देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, APAC के साथ भारत के व्यापार घाटे में चीन अभी भी सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, लेकिन बाकी क्षेत्र (जहां चीन का दखल नहीं है) के साथ घाटा भी बढ़ रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि APAC को भारत का निर्यात गिर रहा है, और क्षेत्र से भारत का आयात बढ़ रहा है। हालांकि, भारत के गिरते निर्यात में चीन की भूमिका अन्य देशों की तुलना में कम स्पष्ट है।

एक संरचनात्मक बदलाव?

क्रिसिल ने कहा कि भारत के माल निर्यात में अमेरिका और यूरोपीय संघ की हिस्सेदारी 2021 से बढ़ रही है। जबकि APAC क्षेत्र की हिस्सेदारी घट रही है।

उन्होंने कहा, 2021 में महामारी की शुरुआत के बाद से, भारत के माल निर्यात में APAC क्षेत्र की हिस्सेदारी घट रही है। यह व्यापार की गतिशीलता में एक महत्वपूर्ण और स्थायी बदलाव का संकेत दे सकता है। 2019 में, भारत के माल निर्यात में APAC की हिस्सेदारी 33 प्रतिशत थी, जो अमेरिका और यूरोपीय संघ की संयुक्त हिस्सेदारी 30.4 प्रतिशत से ज्यादा है। हालांकि, 2023 में, APAC की हिस्सेदारी घटकर 26.5 प्रतिशत हो गई और अमेरिका और EU की संयुक्त हिस्सेदारी बढ़कर 34 प्रतिशत हो गई। यह ट्रेंड इस साल अप्रैल-मई तक जारी रहा।

First Published - July 31, 2023 | 5:47 PM IST

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