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दिसंबर में सार्वजनिक निर्गम के लिए यूपीआई से भुगतान में कमी

Last Updated- December 11, 2022 | 10:21 PM IST

आईपीओ के लिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये भुगतान की संख्या दिसंबर में घट गई। नवंबर में रिकॉर्ड कोष उगाही की वजह से यह आंकड़ा मजबूत रहा था। नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा दिसंबर के लिए जारी आंकड़े से पता चलता है कि 73.2 लाख भुगतान किया गया था, जबकि नवंबर में यह आंकड़ा 76 लाख था। इससे दिसंबर में 3.8 प्रतिशत की कमी का पता चलता है।
दिसंबर में, 12 कंपनियां अपने आईपीओ लेकर आईं, जिनमें स्टार हेल्थ ऐंड अलायड इंश्योरेंस (30 नवंबर को खुला और 2 दिसंबर को बंद हुआ) भी शामिल था और 16,783.75 करोड़ रुपये जुटाए गए, जबकि नवंबर में आईपीओ के जरिये 36,000 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड कोष उगाही हुई।

जुलाई से कुछ महीनों तक धीमे प्रदर्शन के बाद, पिछले दो महीनों में यूपीआई के जरिये आईपीओ भुगतान प्रक्रिया में तेज हुई और आईपीओ खरीदने के लिए करीब 1.5 करोड़ मैंडेट अनुरोध प्राप्त हुए। जुलाई में, यूपीआई आईपीओ भुगतान की संख्या 76.6 लाख रही, क्योंकि उस महीने में जोमैटो जैसे बड़े और क्लीन साइंस एवं जीआर इन्फ्राप्रोजेक्टस जैसे कई छोटे आईपीओ आए, जिन पर निवेशकों ने ध्यान दिया।
मैंडेट बनाने की जरूरत तब होती है जब ग्राहक आईपीओ आवेदन के लिए बैंक खाते में राशि को ब्लॉक करता है।

नवंबर में पेटीएम, पॉलिसी बाजार, और नायिका जैसे कुछ बड़े आकार के आईपीओ के बाद, दिसंबर में स्टार हेल्थ ऐंड अलायड इंश्योरेंस का आईपीओ आया, जिसे निवेशकों से अच्छा अभिदान नहीं मिला। इसके अलावा सीएमएस इन्फोसिस्टम्स, आनंद राठी वेल्थ जैसे कई अन्य आईपीओ भी आए।
अक्टूबर में सिर्फ एक आईपीओ आया। वह था आदित्य बिड़ला सनलाइफ एएमसी। सितंबर में, पांच कंपनियों ने 6,887 करोड़ रुपये तक की राशि आईपीओ के जरिये जुटाई, जबकि अगस्त में आठ आईपीओ से 17,841 करोड़ रुपये जुटाए गए।

जब बात इस तरह के भुगतान के सफल होने की हो तो निवेशकों को शेयर आवंटन से संबंधित सौदे दिसंबर में 797,006 या यूपीआई के जरिये कुल भुगतान के 10.88 प्रतिशत थी। देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को दिसंबर में करीब 20 लाख भुगतान अनुरोध मिले, जिसके बाद एचडीएफसी 11.2 लाख, और आईसीआईसीआई बैंक को 801,578 अनुरोध मिले। 
जब बात बैंकों में यूपीआई आईपीओ भुगतान में गिरावट की दर की हो तो पिछले कुछ महीनों में इसमें बड़ा सुधार दर्ज किया गया था, खासकर एनपीसीआई द्वारा अपनी वेबसाइट पर मासिक आंकड़ा प्रकाशन शुरू किए जाने के बाद से। हालांकि अक्टूबर में गिरावट की दर बढ़ गई थी, लेकिन नवंबर में यह काफी हद तक मजबूत हो गई। दिसंबर में, एसबीआई ने 81.80 प्रतिशत की मंजूरी दर दर्ज की। बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नैशनल बैंक, केनरा बैंक और सेंट्रल बैंक जैसे अन्य सार्वजनिक बैंकों ने 91.29 प्रतिशत, 92.11 प्रतिशत, 91.22 प्रतिशत, 92.62 प्रतिशत, 93.10 प्रतिशत की मंजूरी दर दर्ज की।

First Published - January 7, 2022 | 11:15 PM IST

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