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मुंबई के रियल्टी बाजार में दस्तक के लिए डेवलपरों में होड़

Last Updated- December 12, 2022 | 1:41 AM IST

डीएलएफ, प्रेस्टीज एस्टेट्स और पूर्वांकरा जैसी देश की कुछ प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपर मुंबई के 50,000 करोड़ रुपये के आवासीय संपत्ति बाजार में दस्तक देने की तैयारी में हैं। मुंबई में मकानों के दाम दुनिया में सबसे ज्यादा हैं। ये डेवलपर देश की आर्थिक राजधानी में आवासीय परियोजनाएं शुरू करने जा रही हैं। अभी तक इस बाजार में रनवाल, लोढ़ा और ओबेरॉय रियल्टी जैसी कंपनियों का वर्चस्व है। 
प्रेस्टीज चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में मुंबई के मुलुंड और भायखला इलाके में 60 लाख वर्ग फुट की नई परियोजना लाने जा रही है। कंपनी परियोजना की मंजूरी हासिल करने के अंतिम चरण में है।

प्रेस्टीज दिवालिया रियल एस्टेट कंपनी एरिस्टो का समाधान प्रक्रिया के तहत अधिग्रहण करने के बाद मुलुंड में परियोजना लाने की योजना बना रही है। देश की सबसे बड़ी रियल्टी कंपनी डीएलएफ भी मुंबई के तुलसीवाडी इलाके में प्रीमियम आवासीय परियोजना लाने की योजना को अंतिम रूप दे रही है। इस भूखंड पर 10 लाख वर्ग फुट की आवासीय परियोजना बनाई जा सकती है। कंपनी के प्रबंधन ने हाल ही में विश्लेषकों के साथ बातचीत में कहा था, ‘हम तुलसीवाडी में मुद्रीकरण की संभावना तलाश रहे हैं और हमें लगता है कि बाजार में यह सही समय है।’ सूत्रों के अनुसार डीएलएफ साल के अंत तक परियोजना लाने के लिए स्थानीय डेवलपरों के साथ साझेदारी कर सकती है।
कंपनी ने नैशनल टेक्सटाइल कॉर्पोरेशन से 2005 में वर्ली में 703 करोड़ रुपये में 17 एकड़ की मिल की जमीन खरीदी थी। लेकिन 2012 में उसने इसे लोढ़ा समूह को 2,700 करोड़ रुपये में बेच दिया था। डीएलएफ की शुरुआती योजना इस भूखंड पर प्रीमियम आवासीय परियोजना बनाने की थी। इसके बाद मॉल केंद्रित व्यावसायिक परियोजना बनाने का विचार किया लेकिन बाद में भूखंड बेच दिया गया। पूर्वांकरा भी रियल एस्टेट क्षेत्र की बड़ी कंपनी है और करीब तीन दशक बाद फिर से मुंबई लौट रही है। बेंगलूरु की इस कंपनी ने हाल ही में चेंबूर इलाके में पूर्वा क्लेरमॉन्ट नाम से परियोजना शुरू की है।

पूर्वांकरा के प्रबंध निदेशक आशिष आर पूर्वांकरा ने कहा कि कंपनी ने काफी निवेश किया है और इससे 800 से 900 करोड़ रुपये आय की उम्मीद कर रही है। पूर्वांकरा की मुंबई परियोजना में चार टावर होंगे जिनमें 233 आवासीय फ्लैट और एक टावर में 79 व्यावसायिक इकाइयां होंगी। 
उन्होंने कहा, ‘लक्जरी आवासीय परियोजनाओं की मांग बढऩे और राज्य की अनुकूल नीतियों जैसे कि स्टांप शुल्क में कमी और एकीकृत डीसीपीआर में संशोधन ने इस बाजार में उतरने का आदर्श माहौल तैयार किया है। इसके साथ ही आवास ऋण की दर निचले स्तर पर होने से भी ग्राहकों का मनोबल बढ़ा है।’ कंपनी ने मुंबई और पुणे में अपने किफायती ब्रांड प्रोविडेंट हाउसिंग के तहत दो और आवासीय परियोजना लाने की तैयारी की है। परियोजना का कुल आकार 30 लाख वर्ग फुट होगा, जिसमें उच्च स्तरीय बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी और पहला मकान खरीदने वाले और मध्य आय वर्ग के खरीदारों को यह आकर्षित करेगा।

डीएलएफ और प्रेस्टीज ऐसे समय में मुंबई के रियल एस्टेट बाजार में दस्तक देने जा रही हैं जब गोदरेज प्रॉपर्टीज और ओबेरॉय रियल्टी जैसे स्थापित डेवलपर शहर में अपने परिचालन का विस्तार कर रहे हैं। अपनी बिक्री के प्रदर्शन से नाखुश गोदरेज प्रॉपर्टीज प्रीमियम और मध्य आय वर्ग में आवासीय परियोजनाएं लाने की योजना बना रही है। टाटा रियल्टी ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी संजय दत्त ने कहा, ‘संगठित क्षेत्र के डेवलपरों की बाजार में हिस्सेदारी बढऩे और इन कंपनियों के मुंबई आने के पीछे रियल एस्टेट क्षेत्र में एकीकरण का योगदान है। मेरा मानना है कि इससे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा और संचालन के उच्च मानदंड कायम होंगे।’

First Published - August 23, 2021 | 12:54 AM IST

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