केंद्रीय मंत्रिमंडल और आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने केंद्र द्वारा प्रायोजित 1.17 लाख करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी दे दी है। इनमें रेलवे ट्रैक नेटवर्क में विस्तार, सार्वजनिक परिवहन में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और सरकार की प्रमुख योजना डिजिटल इंडिया में विस्तार शामिल हैं।
CCEA ने स्थानीय कारीगरों एवं शिल्पकारों को कर्ज उपलब्ध कराने के लिए एक नई योजना को भी मंजूरी दी है। इस योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर कल अपने संबोधन के दौरान की थी। उन्होंने कुशल कारीगरों के लिए विश्वकर्मा योजना लाने का ऐलान किया था।
PM विश्वकर्मा योजना को मिली मंजूरी
लाल किले के प्राचीर से उन्होंने कहा था, ‘विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर हम एक योजना शुरू करेंगे, जिससे खास तौर पर अन्य पिछड़ा जातियों (OBC) के उन लोगों को लाभ होगा, जो पारंपरिक शिल्प में माहिर हैं। करीब 13 से 15 हजार करोड़ रुपये के आवंटन से शुरू होने वाली विश्वकर्मा योजना के जरिये बुनकरों, सुनारों, लोहारों, धोबियों, नाइयों आदि को सशक्त बनाया जाएगा।’ CCEA ने विश्वकर्मा योजना के लिए 13,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया।
PM-eBus Sewa: 100 शहरों में इलेक्ट्रिक बसों के लिए कैबिनेट ने दी 57 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस बार सबसे ज्यादा 57,613 करोड़ रुपये नई योजना पीएम ई-बस सेवा के लिए आवंटित किए। यह योजना इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में विस्तार के लिए लाई जा रही है। इसके तहत शहरों में बसों का परिचालन बेहतर बनाया जाएगा और प्राथमिकता उन शहरों को दी जाएगी, जहां संगठित बस सेवा नहीं है।
केंद्रीय खेल एवं युवा मामले और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल के फैसले की घोषणा करते हुए कहा, ‘लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें लाने के लिए कुल 57,613 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।’ यह योजना सिटी बस ऑपरेशन को बढ़ाएगी और उन शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां संगठित बस सेवा नहीं है। बयान में कहा गया है कि इस योजना के लिए आवंटित 57,613 करोड़ रुपये में से 20,000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा।
यह योजना 2011 की जनगणना के अनुसार 3 लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर करेगी। इसमें केंद्रशासित प्रदेश, पूर्वोत्तर क्षेत्र और पहाड़ी राज्यों की सभी राजधानी शामिल हैं। ई-बसें 10 वर्षों के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत प्रदान की जाएंगी।
इस योजना के तहत देश के 169 शहरों में PPP मॉडल के तहत 10,000 ई-बसें चलाई जाएंगी। साथ ही ग्रीन अर्बन मोबिलिटी के तहत चार्जिंग बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कुल 181 शहरों की मदद भी की जाएगी। इस पहल का मकसद राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक बस कार्यक्रम के तहत 50,000 ई-बसें तैनात करना और 2030 तक 40 फीसदी ई-बसों की तैनाती तथा 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने में सरकार की मदद करना है।
कैबिनेट ने इस योजना के लिए नोडल मंत्रालय का खुलासा नहीं किया है, लेकिन वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने बताया कि आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत इस योजना को आगे बढ़ाया जा सकता है।
भारतीय रेलवे की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी
इस साल के केंद्रीय बजट में रेलवे नेटवर्क के विस्तार की परिकल्पना की गई थी। उसी के अनुरूप CCEA ने कुल 2,339 किलोमीटर की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं के लिए 32,500 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी है। इन योजनाओं का उद्देश्य भारतीय रेल के कुछ सबसे महत्त्वपूर्ण मार्गों पर भीड़भाड़ को कम करना है। ये योजनाएं निर्बाध मल्टी मोडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम गति शक्ति नैशनल मास्टर प्लान के तहत आएंगी।
Digital India Project का विस्तार
मंत्रिमंडल ने 2015 में शुरू की गई केंद्र की प्रमुख योजना डिजिटल इंडिया में विस्तार को भी मंजूरी दी है। अगले दौर के विस्तार के लिए 14,903 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी गई है।