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‘कोविड-19 की दूसरी लहर से आर्थिक रिकवरी को खतरा’

Last Updated- December 12, 2022 | 5:57 AM IST

वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज के मुताबिक कोरोनावायरस (कोविड-19) संक्रमण की दूसरी लहर भारत की आर्थिक रिकवरी के लिए खतरा है। संक्रमण में मौजूदा तेजी से वृद्धि के अनुमानों को खतरा है, क्योंकि वायरस प्रबंधन के कदमों के तहत आर्थिक गतिविधियों में अवरोध आ सकता है और इससे बाजार व ग्राहकों की धारणा प्रभावित हो सकती है।
बहरहाल इस बार संक्रमण से निपटने के लिए माइक्रो-कंटेनमेंट जोन पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है और देशव्यापी बंदी का विरोध किया गया है। ऐसे में आर्थिक गतिविधियों पर असर 2020 की तुलना में बहुत कम रहेगा। भारत में कोरोनावायरस से मौतों की संख्या बहुत कम (12 अप्रैल तक सिर्फ 1,70,179 मौतें दर्ज हुई हैं) है और बड़ी आबादी युवा होने की वजह से जोखिम कम रहने के मामले में मदद मिली है। 2020 में गतिविधियों का स्तर बहुत नीचे रहने के कारण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अभी भी 2021 में दो अंकों में बढऩे की उम्मीद है।
गूगल मोबिलिटी डेटा के मुताबिक भारत में खुदरा और मनोरंजन गतिविधियां 24 फरवरी, 2021 की तुलना में 7 अप्रैल, 2021 को 25 प्रतिशत कम हो गईं। इसकी झलक भारतीय रिजर्व बैंक के मार्च के ग्राहक विश्वास सर्वे में मिलती है, जिसमें दिखाया गया है कि गैर जरूरी सामान पर खर्च घटा है।
दूसरी लहर के प्रबंधन में टीकाकरण की भूमिका अहम है। प्राधिकारी वायरस प्रबंधन और आर्थिक गतिविधियों में संतुलन बनाए रखने की कवायद कर रहे हैं। भारत ने जनवरी के मध्य से टीकाकरण अभियान शुरू किया था और 10 अप्रैल तक टीके की 10 करोड़ डोज दी जा चुकी है, जिससे भारत तेजी से टीके लगाने वाला देश बन गया है।
बहरहाल देश की करीब 1.4 अरब आबादी को देखते हुए टीके की कमी है।

First Published - April 13, 2021 | 11:26 PM IST

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