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आर्थिक सुधार नहीं उत्साहजनक

Last Updated- December 14, 2022 | 11:27 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि कोविड-19 की मार से लचर अर्थव्यवस्था में अब तक सुधार बहुत उत्साहजनक नहीं रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि फिलहाल यह कहना कठिन है कि जो भी सुधार दिख रहे हैं वे आगे बरकरार रह पाएंगे या नहीं। उन्होंने कहा कि इस समय सभी के दिमाग में खासी चिंताएं हैं और एक ठोस नतीजे पर पहुंचने से पहले हमें थोड़ा और इंतजार करना होगा। वित्त मंत्री ने यह आरोप सिरे से खारिज कर दिया कि सरकार मांग और उपभोग को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय समर्थन देने से कतरा रही है। सीतारमण ने कहा कि सरकार इसके लिए पूरी तरह तैयार है और सभी विकल्प खुले रखे हैं। उन्होंने कहा, ‘कब और कितना खर्च किया जाए इस पर उपयुक्त समय आने पर निर्णय लिया जाएगा।’
बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए साक्षात्कार में वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड महामारी से अर्थव्यवस्था को खासा नुकसान पहुंचा है और सरकार आगे का रास्ता निकालने के लिए सभी संबंधित पक्षों से बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी के सुझावों को ध्यान में रखा है। सीतारमण ने कहा, ‘स्थिति साफ होने पर हम कोई भी उपाय करने से नहीं चूकेंगे। हालांकि अभी कुछ कहना मुश्किल है क्योंकि अब तक सरकार इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है कि किस तरह के अतिरिक्त वित्तीय समर्थन की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि सरकार इस स्वास्थ्य आपदा को एक अवसर में बदलने की भरपूर कोशिश कर रही है और श्रम, कृषि, बैंकिंग आदि क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण सुधार किए हैं।
उन्होंने कहा कि राशन कार्ड के डिजिटलीकरण से लेकर बिजली आदि खंडों में कई बड़े सुधार किए गए हैं। वित्त मंत्री ने कहा,  ‘सरकार चाहती तो आर्थिक प्रोत्साहन देकर खामोश बैठ सकती थी, लेकिन प्रधानमंत्री ने इस आपदा को अवसर में बदलने की ठान ली है और इसके लिए सभी जरूरी महत्त्वपूर्ण आर्थिक सुधार किए जा रहे हैं।’ आत्मनिर्भर अभियान के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों पर सरकार की चुप्पी पर वित्त मंत्री ने कहा कि विभिन्न सरकारी विभागों से बड़ी संख्या में मिलीं प्रतिक्रियाओं के कारण इस पर फिलहाल कोई पहल नहीं की गई है। हालांकि उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल जल्द ही इस विषय की समीक्षा करेगा। बैंक रणनीतिक सूची में लाए जाएंगे या नहीं इस पर मंत्रिमंडल ही निर्णय लेगा।
मौद्रिक नीति समिति में बाहरी सदस्यों की नियुक्ति में हो रही देरी पर सीतारमण ने कहा कि जान-बूझकर इस प्रक्रिया में देरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि कोविड से पैदा हुए हालात से निपटने में इस मसले पर देरी हुई है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘मैं इतना जरूर कहूंगी कि समिति के बाहरी सदस्यों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी।’ उन्होंने कहा कि यह कहना अनुचित है कि अर्थव्यवस्था को मुश्किलों से उबारने की ज्यादातर जिम्मेदारी भारतीय रिजर्व बैंक के कंधों पर लाद दी गई है। उन्होंने कहा, ‘ऐसा हो सकता है कि मेरे उपाय नजर नहीं आ रहे हैं, लेकिन इससे भी अहम यह है कि मेरे कदमों से जमीनी स्तर पर फर्क दिख रहा है या नहीं।’ सीतारमण ने कहा कि वह इस बात के लिए आरबीआई की आभारी हैं कि उसने इस मुश्किल घड़ी में अपनी भूमिका केवल महंगाई पर निगरानी रखने तक ही सीमित नहीं रखी है।

First Published - September 30, 2020 | 10:45 PM IST

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