भारत से ऐपल आईफोन के निर्यात में तेजी आने के कारण इलेक्ट्रॉनिकी निर्यात ने रत्न एवं आभूषण निर्यात को पीछे छोड़ दिया है। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल से जून तिमाही (पहली तिमाही) में इलेक्ट्रॉनिकी निर्यात भारत के 10 प्रमुख निर्यात वस्तुओं में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।
सिर्फ इंजीनियरिंग के सामान और पेट्रोलियम उत्पादों की स्थिति सुधरी है। वित्त वर्ष 2023-23 की समान तिमाही में इलेक्ट्रॉनिकी निर्यात चौथे स्थान पर था। वाणिज्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिकी निर्यात 22 प्रतिशत बढ़कर चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2025) की पहली तिमाही के अंत में 8.44 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। इसमें वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के 6.94 अरब डॉलर की तुलना में 1.5 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है।
वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही के दौरान मोबाइल का निर्यात 4.8 अरब डॉलर रहा है, जो कुल इलेक्ट्रॉनिकी निर्यात का करीब 57 प्रतिशत है। निर्यात में यह वृद्धि मुख्य रूप से आईफोन के निर्यात बढ़ने की वजह से है, जो पहली तिमाही में बढ़कर 3.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
श्रेणी के रूप में देखें तो मोबाइल फोन के निर्यात में वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के 3.72 अरब डॉलर की तुलना में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही के दौरान 1.1 अरब डॉलर का अतिरिक्त निर्यात हुआ है।
इस अवधि के दौरान आईफोन का निर्यात 90 करोड़ डॉलर बढ़ा है। अगर हम आईफोन के निर्यात में 90 करोड़ डॉलर वृद्धि के आंकड़े को देखें तो मोबाइल फोन के निर्यात में हुई कुल वृद्धि में आईफोन की हिस्सेदारी 82 प्रतिशत है, जबकि वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में इलेक्ट्रॉनिकी के निर्यात में हुई कुल वृद्धि में आईफोन की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है।
मोबाइल फोन के निर्यात में 1.1 अरब डॉलर की वृद्धि इस तिमाही में इलेक्ट्रॉनिकी की श्रेणी मे हुई वृद्धि का 73 प्रतिशत है।
उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू किए जाने के बाद से मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिकी दोनों के निर्यात में तेज और उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
अप्रैल 2020 में पीएलआई योजना पेश किए जाने के पहले मोबाइल फोन एक स्वतंत्र सामंजस्यपूर्ण प्रणाली की श्रेणी में था और 2019-20 में 2.9 अरब डॉलर के निर्यात के साथ इसका 14वां स्थान था। वित्त वर्ष 2024 के अंत तक यह ऑटोमोटिव डीजल, हीरे और विमान ईंधन के पीछे चौथे स्थान पर आ गया और इसका निर्यात 15.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
वाणिज्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार इसकी वजह से इलेक्ट्रॉनिकी का निर्यात वित्त वर्ष 2024में 29.1 अरब डॉलर पर पहुंच गया और इसने भारत के शीर्ष 10 निर्यातों में पांचवां स्थान हासिल कर लिया, जो एक व्यापक क्षेत्र के रूप में वित्त वर्ष 2020 में 11.2 अरब डॉलर के निर्यात के साथ सातवें स्थान पर था।