कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर ब्याज की दर में चालू वित्त वर्ष के लिए कोई इजाफा नहीं किया गया है। श्रम मंत्री ऑस्कर फर्नांडीज की अध्यक्षता में ईपीएफ के केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया।
पिछले साल ब्याज दर 8.5 फीसदी थी और इस वित्त वर्ष में भी पीएफ पर इसी दर से ब्याज दिया जाएगा, हालांकि विभिन्न श्रम संघ 9.5 फीसदी ब्याज की मांग कर रहे थे। श्रम संघों का कहना था कि बैंक भी सरकार के मुकाबले ज्यादा ब्याज दे रहे हैं, लेकिन सरकार अपनी मुट्ठी जबरन बंद करके बैठी है।
उनकी शिकायत थी कि संगठित क्षेत्र में ज्यादातर कर्मचारियों के पास पीएफ के अलावा सामाजिक सुरक्षा का कोई और जरिया नहीं है। इस लिहाज से पीएफ पर मिलने वाला ब्याज बढ़ाया जाना चाहिए। लेकिन सरकार ने उनकी मांग को खारिज कर दिया। पिछले वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर का फैसला भी महीने भर पहले ही लिया गया है।