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ईपीएफ सब्सिडी योजना को मंजूरी

Last Updated- December 14, 2022 | 8:24 PM IST

मंत्रिमंडल ने आज अतिरिक्त कर्मचारी नियुक्त करने वालों को 2 साल तक कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) अंशदान देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे चालू वित्त वर्ष में सरकार पर 1,484 करोड़ रुपये और पूरे 2020-2023 की अवधि के दौरान 22,810 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा।
सूत्रों ने कहा कि इस प्रस्ताव के माध्यम से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इसके पहले घोषित आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) के तहत अगले साल जून तक 50 से 60 लाख नौकरियों के सृजन की योजना है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि पैकेज के तहत केंद्र सरकार इस साल अक्टूबर या उसके बाद नियुक्त किए जाने वाले कर्मचारियों के लिए सरकार 30 जून 2021 तक सब्सिडी मुहैया कराएगी।
सरकार नए कर्मचारियों के वेतन के 12 प्रतिशत के बराबर कर्मचारी व नियोक्ता के अंशदान का भुगतान ईपीएफ में करेगी। यह सुविधा 1000 तक कर्मचारी रखने वाले प्रतिष्ठानों को 2 साल के लिए मिलेगी।
बहरहाल जिन प्रतिष्ठानों में 1000 से ज्यादा कर्मचारी हैं, उनमें सरकार 2 साल के लिए नव नियुक्त कर्मचारी के हिस्से के ईपीएफ अंशदान का ही भुगतान करेगी। अगर किसी कर्मचारी को 15,000 रुपये से कम मासिक वेतन मिलता है और वह कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में 1 अक्टूबर 2020 के पहले पंजीकृत नहीं है तो वह लाभ का पात्र होगा।
अगर किसी ईपीएफ सदस्य का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) है और वह 15,000 रुपये से कम मासिक वेतन पा रहा है और इस साल कोविड के दौरान ईपीएफ के दायरे वाले प्रतिष्ठान में 1 मार्च  से 30 सितंबर तक रोजगार नहीं पा सका, तो वह भी लाभ पाने का पात्र होगा। ईपीएफओ आधार से जुड़ेखाते में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से अंशदान देगा। संगठन इस योजना के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करेगा और साथ ही वह पारदर्शिता व जवाबदेही वाली प्रक्रिया भी बनाएगा।
अन्य फैसला
मंत्रिमंडल ने कोच्चि और लक्षद्वीप दीपसमूह के बीच सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल कनेक्टिविटी सुविधा मुहैया कराने की परियोजना (केएलआई परियोजना) को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना पर परिचालन व्यय सहित 5 साल में 1,072 करोड़ रुपये लागत आने का अनुमान है।  इस परियोजना का वित्तपोषण यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड के माध्यम से होगा।

First Published - December 9, 2020 | 11:23 PM IST

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