वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि कोष (ईपीएफओ) की ब्याज दर घटाकर 8.1 फीसदी करना ‘आज की हकीकत’ को दर्शाता है और यह अब भी लघु बचत योजनाओं तथा बैंक सावधि जमा दरों से अधिक है। उन्होंने कहा, ‘ईपीएफओ में एक केंद्रीय बोर्ड है, जो इस बारे में फैसला करता है कि कितनी ब्याज दर देनी है और उन्होंने इसमें पिछले काफी समय से कोई बदलाव नहीं किया है…उन्होंने अब इसे घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया है।’ उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव अभी मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास नहीं आया है। सीतारमण राज्य सभा में विनियोग विधेयकों पर चर्चा का जवाब दे रही थीं। केंद्रीय बोर्ड ने वित्त वर्ष 2022 के लि पीएफ पर ब्याज दर घटाकर 8.1 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा है, जो वित्त वर्ष 2021 और वित्त वर्ष 2020 में 8.5 फीसदी थी। यह चार दशकों में सबसे कम है।
उन्होंने कहा, ‘वास्तविकता यह है कि आज ये ही दरें हैं और यह (ईपीएफओ की ब्याज दर) अब भी अन्य से ज्यादा है।’ सीतारमण ने कहा कि सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के पॉलिसीधारकों को बीमा कंपनी के आईपीओ में शेयर खरीद पर छूट दे सकती है। सीतारमण ने आज संसद में कहा कि सरकार ने इस निर्गम का 10 फीसदी हिस्सा पात्र पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित रखा है और उन्हें निर्गम कीमत पर छूट भी मिल सकती है।