वित्त वर्ष 2021-22 में देश की आर्थिक वृद्घि दर 9.2 फीसदी रहने और भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार वित्त वर्ष 2022 में महामारी के पूर्व स्तर के पार पहुंचने का अनुमान है। इससे यह संकेत मिलता है कि अर्थव्यवस्था तमाम चुनौतियों के बावजूद पटरी पर है। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय द्वारा शुक्रवार को जारी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक देश की नॉमिनल जीडीपी चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 232.1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है, जो वित्त वर्ष 2020 में 203.5 लाख करोड़ रुपये थी। महामारी के बीच लॉकडाउन लगाए जाने से वित्त वर्ष 2021 में जीडीपी घटकर 197.5 लाख करोड़ रुपये रह गई थी।
30 नवंबर को जारी वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही में देश की आर्थिक वृद्घि दर 13.7 फीसदी रही थी। जीडीपी के पहले अग्रिम अनुमान में अक्टूबर महीने के कारखानों के उत्पादन और अन्य प्रमुख संकेतकों के नवंबर और दिसंबर के आंकड़ों को भी शामिल किया गया है। सरकार ने वित्त वर्ष 2018 से आम बजट 1 फरवरी को पेश करना शुरू किया है। ऐसे में सांख्यिकी विभाग भी पहला अग्रिम अनुमान पहले ही जारी कर देता है ताकि सरकार को जीडीपी के सालाना अनुमान का अंदाजा हो सके और उसके हिसाब से बजट तैयार किया जा सके। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि पहले अग्रिम अनुमान में महामारी की तीसरी लहर के संभावित प्रभाव को कम करके आंका गया हो सकता है। चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में महामारी की तीसरी लहर का असर पडऩे की आशंका है।
ईवाई इंडिया में मुख्य नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव ने कहा कि संभव है कि जब चालू वित्त वर्ष का दूसरा अग्रिम अनुमान जारी हो तो उसमें वृद्घि दर में 20 आधार अंक की कमी दिखाई जा सकती है। व्यापार, परिवहन, होटल आदि में बेहतर सुधार हुआ है लेकिन अंतिम निजी व्यय अभी भी वित्त वर्ष 2020 की समान अवधि के स्तर से नीचे है। वित्त वर्ष 2022 में कृषि क्षेत्र का 3.9 फीसदी की दर से विकास कर सकता है। विनिर्माण और निर्माण क्षेत्र में दो अंकों में वृद्घि का अनुमान लगाया गया है। हालांकि देश की अर्थव्यवस्था में आधे से भी अधिक की हिस्सेदारी वाले सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन अभी भी कमजोर बना हुआ है। वित्त वर्ष में इसमें 8.2 फीसदी वृद्घि का अनुमान लगाया गया है। निजी खपत भी 6.9 फीसदी बढऩे का अनुमान है जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसमें 9.1 फीसदी की गिरावट आई थी। सरकार का व्यय चालू वित्त वर्ष में 7.6 फीसदी बढऩे का अनुमान है। बेहतर राजस्व संग्रह के दम पर सरकार मार्च तिमाही के दौरान पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देगी। इससे नॉमिनल जीडीपी वृद्घि 17.6 फीसदी रह सकती है जबकि बजट में 14.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था।
ब्रिकवर्क रेटिंग्स के मुख्य आर्थिक सलाहकार गोविंद राव ने कहा, ‘नॉमिनल जीडीपी में 17.6 फीसदी वृद्घि से सरकार को अतिरिक्त खर्च करने की सहूलियत होगी। नॉमिनल जीडीपी अनुमान के अनुसार बजट में चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.5 फीसदी रह सकता है। विनिवेश प्राप्तियां कम होने के बावजूद चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे का 6.8 फीसदी का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।’