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निर्यात में तेजी जारी, व्यापार घाटा कम

Last Updated- December 12, 2022 | 4:05 AM IST

विदेश से मांग जारी रहने से भारत का वाणिज्यिक निर्यात मई में बढ़कर 32.21 अरब डॉलर हो गया है। यह पिछले साल मई की तुलना में 67.39 प्रतिशत और मई, 2019 की तुलना में 7.93 प्रतिशत ज्यादा है।
पिछले महीने की तुलना में निर्यात में 5.15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल की तुलना में निर्यात में भारी बढ़ोतरी की वजह पिछले देशव्यापी लॉकडाउन के कारण कारोबार में हुए व्यवधान के कारण कम निर्यात है। बहरहाल अगर हम महामारी के पहले की अवधि और अप्रैल, 2021 से तुलना करें तो सरकार के हाल के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मांग में रिकवरी के संकेत मिलते हैं।
निर्यात में वृद्धि मुख्य रूप से इंजीनियरिंग के सामान, पेट्रोलियम उत्पादों, रत्न एवं आभूषण, दवा, लौह अयस्क की मांग बढऩे से हुई है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी प्राथमिक आंकड़ों के मुताबिक इस वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में वाणिज्यिक निर्यात 62.84 अरब डॉलर रहा है, जो अप्रैल-मई, 2019 में हुए निर्यात की तुलना में 12.44 प्रतिशत ज्यादा है।
अप्रैल से कोविड-19 की दूसरी लहर को रोकने के लिए विभिन्न राज्यों ने स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन की घोषणा की, लेकिन इससे निर्यात तत्काल प्रभावित नहीं हुआ। निर्यातकों ने कहा कि कुछ राज्यों में लॉकडाउन का असर सीमित रहा है, जबकि पिछले साल हुई देशबंदी में बहुत ज्यादा असर पड़ा था।
मई महीने में भारत का वाणिज्यक आयात 6 महीने के निचले स्तर पर रहा और इस पर बंदी का असर पड़ा। मई में कुल 38.53 अरब डॉलर का आयात हुआ है। पिछले साल मई से तुलना करें तो आयात में 68.54 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वहीं पिछले महीने की तुलना में आयात 11.66 प्रतिशत कम हुआ है और मई, 2019 की तुलना में 17.47 प्रतिशत कम हुआ है।
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि अप्रैल की तुलना में मई महीने में आयात में आई उल्लेखनीय कमी सोने के आयात में तेज गिरावट की वजह से है। साथ ही तेल का आयात भी कम हुआ है, क्योंकि राज्यों के प्रतिबंध से आवाजाही प्रभावित हुई है। व्यापार घाटा 8 महीने के निचले स्तर पर है और यह कम होकर 6.32 अरब डॉलर रह गया, जो अप्रैल में 15.1 अरब डॉलर और मई, 2020 में लॉकडाउन के व्यवधानों के कारण 3.63 अरब डॉलर था।
 नायर ने कहा कि मई, 2020 की तुलना मई, 2021 में व्यापार घाटे में 63 प्रतिशत गिरावट की मुख्य वजह सोने के आयात में आई कमी और कम आयात व ज्यादा निर्यात के कारण तेल में घाटा कम होना है।
उन्होंने कहा कि 2021-22 के लिए पेश बजट के बाद से बड़े पैमाने पर भंडारण की वजह से भी आयात में कमी हुई है।  
इंजीनियरिंग ऐंड एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल आफ इंडिया (ईईपीसी) के चेयरमैन महेश देसाई ने कहा कि लॉजिस्टिक्स व मानव संसाधन के मसलों के बावजूद इंजीनियरिंग सामान की शिपमेंट मई महीने में तेज बनी रही। मई महीने में गैर पेट्रोलियम और गैर रत्न एवं आभूषण का निर्यात 23.97 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल से 45.96 प्रतिशत ज्यादा है। वहीं मई, 2019 की तुलना में इसमें 11.51 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने कहा कि श्रम आधारित क्षेत्रों जैसे रत्न एवं आभूषण, इंजीनियरिंग सामान, समुद्री उत्पाद के अलावा अन्य में बेहतर स्थिति नौकरियों के हिसाब से अच्छा है।

First Published - June 2, 2021 | 11:48 PM IST

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