वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद 2025-26 में भारत के वस्तु एवं सेवा निर्यात के 900 अरब डॉलर के पार पहुंचने की उम्मीद है। रूस-यूक्रेन संघर्ष, इजरायल-हमास युद्ध और लाल सागर संकट के कारण वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद देश का समग्र निर्यात 2023-24 में 778 अरब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 2024-25 में 825 अरब अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।
गोयल ने बुधवार रात भारतीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल से कहा, ‘हमने पिछले वित्त वर्ष निर्यात में 825 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया। वैश्विक उथल-पुथल के बीच हम चालू वित्त वर्ष में निश्चित रूप से निर्यात में 900 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर जाएंगे।’ वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, स्वीडन की अपनी आधिकारिक यात्रा पर यहां पहुंचे है।
इस यात्रा के दौरान वह दोनों देशों के बीच व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने के लिए स्वीडन के अपने समकक्ष तथा कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि भारत, अपने विश्वसनीय व्यापारिक साझेदारों के साथ गुणवत्ता मानकों से संबंधित नियमों के क्रियान्वयन पर पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यवस्था के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि भारत देश में गुणवत्तापूर्ण वस्तुओं के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए क्यूसीओ (गुणवत्ता नियंत्रण आदेश) को क्रियान्वित कर रहा है। गोयल ने कहा कि घरेलू व आयातित वस्तुओं के लिए नियम, मानक तथा प्रक्रिया समान हैं और भारत घरेलू विनिर्माताओं एवं विदेशी आपूर्तिकर्ताओं के बीच कोई भेदभाव नहीं करता है। उन्होंने कहा कि सभी देशों की कंपनियों के साथ समान व्यवहार किया जाता है।
मंत्री ने कहा, ‘लेकिन निश्चित रूप से इसमें नवीन समाधान खोजने की गुंजाइश हो सकती है, ताकि अच्छी गुणवत्ता के उत्पाद बनाने वाले विश्वसनीय साझेदारों के लिए ऐसे मार्ग प्राप्त करना आसान हो जाए, जिससे ऐसी स्वीकृतियां सरल हो सकें।’ उन्होंने कहा, ‘हम सुझावों के लिए तैयार हैं। हम आपसी लाभ और आपसी मान्यता के आधार पर कई देशों के साथ बातचीत कर रहे हैं, बशर्ते अन्य देश भारत द्वारा निर्मित उच्च गुणवत्ता वाले सामान का सम्मान करने के लिए तैयार हों और हमें अपनी प्रमाणन प्रक्रिया लागू करने की अनुमति दें। हमें अपने विश्वसनीय साझेदारों को भी ऐसा करने की अनुमति देने में खुशी होगी।’